त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी-बुकिंग,लागतऔर सम्पूर्ण जानकारी

यदि आप भी किसी धार्मिक स्थान पर शादी करने की योजना बना रहे है ओर एक शांत , भव्य , पवित्र स्थान की तलाश में है तो त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी से बढ़िया जगह कोई नहीं हो सकती | अगर आप भी शादी को यादगार बनाना चाहते है तो यहाँ हम आपको एक अनुमानित योजना बतायेगे की आप किस प्रकार त्रियुगीनारायण में शादी कर सकते है , इसकी क्या प्रक्रिया है , कितना खर्च आता है |

त्रियुगीनारायण – भगवान शिव का विवाह स्थल

एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी ना – ” शादी के जोड़े स्वर्ग में बनते हैं!” तो क्यों ना शादी ऐसी जगह पर की जाए जो स्वर्ग से कम न हो? इसके लिए देवभूमि उत्तराखंड से बढ़िया कोई ओर जगह नहीं हो सकती ओर विशेषकर एक इसी जहग जहा सतयुग में भगवान् शिव ओर पार्वती का विवाह हुआ था – त्रियुगीनारायण मंदिर |

अपनी ज़िंदगी के एक नए अध्याय की शुरुआत के लिए, शानदार हिमालय में देवभूमि एक पवित्र वेडिंग डेस्टिनेशन है। उत्तराखंड न केवल देवताओं की पवित्र भूमि है, बल्कि यहां कई खूबसूरत लोकेशन भी हैं जो आपको एक नए अनुभव का अहसास कराती है | उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग आपके खूबसूरत सपने को साकार करने जैसा होगा, जो पीढ़ियों तक यादगार बन जाएगा।

उत्तराखंड सरकार द्वारा हाल ही के वर्षो में उत्तराखंड को एक प्रमुख डेस्टिनेशनल वेडिंग के रूप में विकसित किया है ओर जिसमे त्रियुगीनारायण मंदिर को डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रूप में एक लोकप्रिय स्थान बनता जा रहा है |

इस के बाद त्रियुगीनारायण मंदिर में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए यहां कई नामी हस्तियां भी शादी और भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए आती हैं। त्रियुगीनारायण मंदिर में शिवरात्रि और विजयदशमी के समय काफी शादियां होती है|


रजिस्ट्रेशन करवाकर होती हैं यहां शादियां ​| triyuginarayan temple wedding registration online

डेस्टिनेशन वेडिंग की घोषणा के बाद त्रियुगीनारायण मंदिर में साल भर देश के विभिन्न कोनो से लोग शादियों के लिए आते रहते हैं| त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी करने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है | यहां पर आप मात्र ₹1100 देकर अपनी शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं|

इसके अलावा जिन जोड़ों की शादी होनी है उनके माता-पिता इस विवाह के लिए सहमत होने चाहिए | दूल्हा-दुल्हन के आधार कार्ड फोन नंबर आदि भी मंदिर समिति के पास जमा करने पड़ते हैं| रजिस्ट्रेशन के पश्चात मंदिर समिति द्वारा उपलब्ध तारीख के बताई जाती हैं और आप उनमें से अपनी सुविधा अनुसार तारीखों का चयन कर यहां अपनी शादी का आयोजन कर सकते हैं

त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी

त्रियुगीनारायण में विवाह (triyuginarayan temple wedding ) प्रक्रिया और अनुष्ठान

जब आप अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कर लेते हैं मंदिर समिति द्वारा आपको दी गई तिथि से एक या दो दिन पहले आपको मंदिर में पहुंचना होता है| आज के समय में बहुत सारे वेबसाइट हैं जो की त्रियुगीनारायण मंदिर में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं |

आप अपने बजट ओर सुविधा के अनुसार त्रियुगीनारायण के आसपास के होटल या रिजॉर्ट को बुक कर सकते हैं| सामान्यतः त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह की प्रक्रिया और अनुष्ठान इस प्रकार से रहता है:-

  • पवित्र कुंडों में स्नान: सबसे पहले विवाह से वर-वधु को तीन पवित्र कुंडों – रुद्र कुंड (Rudra Kund), ब्रह्मा कुंड (Brahma Kund) और विष्णु कुंड (Vishnu kund) में स्नान करना होता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती ने भी विवाह से पहले इन कुंडों में स्नान किया था। इन तीनों कुंडों को सरस्वती कुंड (Sarswati Kund) से भरा जाता है और ऐसी मान्यता है कि कुंडों का निर्माण भगवान विष्णु के नाभि से हुआ था|
  • अखंड धूनी के चारों ओर सात फेरे: ‘अखंड’ का अर्थ है ‘निरंतर’ और ‘धूनी’ का अर्थ है ‘लौ’।अखंड धूनी त्रियुगीनारायण मंदिर को अखंड धूनी मंदिर (akhand dhooni temple ) के नाम से भी जाना जाता है जहा की अखंड धूनी एक निरन्तर जलती हुई अग्नि है | मान्यता के अनुसार जिसके चारों ओर भगवान शिव और पार्वती ने विवाह के सात फेरे लिए थे। जोड़े वैदिक मंत्रों के बीच उसी पवित्र अग्नि के चारों ओर सात फेरे लेते हैं, और प्रत्येक फेरे में विशिष्ट प्रतिज्ञाएँ करते हैं और रस्मों को पूरा करते हैं|
  • लकड़ी या समिधा का प्रसाद: ‘त्रि युग’ का अर्थ है तीन युग। मान्यता है कि भक्त तीन युगों से इस मंदिर की अग्नि में लकड़ियाँ चढ़ाते आ रहे हैं। त्रियुगीनारायण में विवाह के दौरान, जोड़े मंदिर के सामने इस अखंड ज्योति में समिधा (लकड़ी का प्रसाद) भी डालते हैं और आशीर्वाद के रूप में राख इकट्ठा करते हैं।
  • विवाह के लिए आयु सीमा:- दुल्हन की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए तो वही दूल्हे की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। त्रियुगीनारायण मंदिर में कोई भी व्यक्ति विवाह कर सकता है ओर विदेशी नागरिक भी इस मंदिर में विवाह कर सकते हैं, लेकिन विवाह हिंदू रीति-रिवाजों से होगा।
  • विवाह स्थल:- त्रियुगीनारायण में विवाह मंदिर के बाहर होता है ओर बाद में मंदिर के अधिकारियों द्वारा विवाह विवरण बताते हुए एक रसीद जारी की जाएगी इस विवाह रसीद के साथ, शादी के बंधन में बंधे जोड़े भारत में कहीं भी अपना विवाह पंजीकृत कर सकता है।

विशेष अवसरों पर जैसे – विजयदशमी-महाशिवरात्रि सबसे ज्यादा शादियां ​

वैसे तो त्रियुगीनारायण मंदिर में साल भर शादियां होती रहती हैं, मगर साल के कुछ विशेष अवसरों पर जैसे नव वर्ष, बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि और दशहरे वाले दिन यहां पर काफी शादियां होती हैं और उनके लिए बहुत पहले ही एडवांस में बुकिंग हो जाती है|

इसलिए जिसको भी त्रियुगीनारायण मंदिर मैं विशेष अवसरों पर शादी करनी है उसके लिए एडवांस में ही रजिस्ट्रेशन करना होता है, एक अनुमान के अनुसार यहां पर साल भर में 200 सादिक शादियां होती हैं|


त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह का खर्चा कितना है? Triyuginarayan Temple Marriage Procedure and Cost

त्रियुगीनारायण मंदिर शादी करने के लिए एक जोड़े को लगभग ₹40000 देने होते हैं इसमें लगभग उनका सारा इंतजाम हो जाता है| यह खर्चा केवल एक साधारण शादी का अनुमानित खर्च है जिसमें लगभग 30 लोग शामिल हो सकते हैं|

सामान्यतः 15 लोग लड़के वालों की तरफ से और 15 लड़की वालों की तरफ से| हालांकि यह केवल एक साधारण शादी का खर्चा है , यदि आप शादी के दौरान किसी बड़े होटल या रिसोर्ट में ठहरते हैं, ज्यादा दिन के लिए ठहरते हैं और आपके साथ मेहमान ज्यादा है तो उसके हिसाब से यह खर्चा बढ़ सकता है|


triyuginarayan temple wedding package

पैकेज का प्रकारसदस्यों की संख्यामूल्य रेंज (रुपये में) केवल आपके अनुमान के लिए
सरल विवाह10 से कम₹40,000 से ₹50,000
मध्यम पैकेज25 से कम₹70,000 से ₹95,000
विस्तृत पैकेज50 से कम₹1,50,000 से ₹2,500,000
भव्य पैकेज100 से कम₹4,00,000 से ₹4,50,000
अति-विलासी पैकेज100 से अधिक₹6,50,000 से ₹8,60,000
सामान्य त्रियुगीनारायण मंदिर के डेस्टिनेशन वेडिंग के पैकेज में निम्नलिखित शामिल हो सकता है, यह केवल एक अनुमानित कार्यों की सूची है आप अपने बजट सुविधा और श्रद्धा के अनुसार इसमें अन्य चीज शामिल कर सकते हैं, यह केवल आपके सुविधा के लिए और अनुमान के लिए कुछ होने वाले कार्यो की लिस्ट दी गई है:-
  • आवास:  एक साधारण होटल से विलासी होटल में आवास- आपके बजट ओर सुविधा के अनुसार
  • भोजन सेवाएं: दोपहर का भोजन, रात का भोजन, नाश्ता, चाय/कॉफी
  • मंडप सजावट: फूलों से सजावट
  • पूजा सामग्री और साफ-सफाई शुल्क: पूजा की सामग्री और समारोह स्थल की सफाई शुल्क शामिल है।
  • पुरोहित शुल्क: 2 पंडितों का शुल्क
  • वाद्य यंत्र (वैकल्पिक): 2 रातों के लिए ढोल, दमाऊ, मास्कबीन (बैंड)
  • मंगल गीत: परंपरागत पोशाक पहने महिलाओं द्वारा सभी विवाह रीती रिवाज के लिए लाइव पारंपरिक मंगल गीत।
  • बैठने की व्यवस्था: मेहमानों के बैठने की उचित व्यवस्था
  • मंदिर पंजीकरण शुल्क: मंदिर में विवाह पंजीकरण शुल्क शामिल है।
  • होटल से मंदिर तक आना जाना
  • मगर इसमें त्रियुगीनारायण मंदिर तक पहुचने के साधन आपके ऊपर निर्भर करता है |

त्रियुगीनारायण मंदिर डेस्टिनेशनल वेडिंग का अनुमानित कार्यक्रम (संक्षिप्त में) आपके अनुमान के लिए :-


दिन 1: विवाह से एक दिन पहले पहुंचें ओर तिलक और मंगल गीत के साथ मेहमानों का स्वागत , होटल में महंदी आदि का कार्यक्रम ओर पारंपरिक स्नैक्स,रात्रि भोजन,होटल में रात्रि विश्राम

दिन 2: अगले दिन सुबह चाय/कॉफी और नाश्ते के साथ दिन की शुरुआत ओर फिर मंगल गीत और वाद्य यंत्रों के साथ हल्दी की रस्म, वैदिक रीती से त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह सम्प्पन ओर पारंपरिक डोली में दुल्हन की विदाई, विवाह भोज और रात्रि विश्राम

दिन 3: चाय/कॉफी और नाश्ते के साथ दिन की शुरुआत ओर फिर होटल चेक-आउट |

त्रियुगीनारायण मंदिर कैसे पहुंचे ​

त्रियुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड के के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है जो की ऋषिकेश से 230 किलोमीटर दूर है| ऋषिकेश से त्रियुगीनारायण मंदिर पहुंचने में आपको अपनी गाड़ी से 6 से 7 घंटे लग जाते हैं| ऋषिकेश से आगे चार धाम यात्रा मार्ग से यात्रा करना काफी आसान है सड़क काफी खुली हैं|

हालांकि बरसात के समय में आपको यात्रा में विशेष सावधानी रखनी चाहिए | त्रियुगीनारायण मंदिर के लिए आप ऋषिकेश या हरिद्वार अपने शहर से सड़क मार्ग से फ्लाइट से या ट्रेन से पहुंच सकते हैं और फिर आगे का सफर, टैक्सी या गाड़ी बुक करके आसानी से जा सकते हैं|

सड़क मार्ग से त्रियुगीनारायण मंदिर: त्रियुगीनारायण मंदिर जाने के लिए आपको पहले अपने शहर से हरिद्वार , फिर ऋषिकेश ओर रुद्रप्रयाग से केदारनाथ धाम वाली सड़क की तरफ जाना है | रुद्रप्रयाग से एक सड़क केदारनाथ को जाती है और एक सड़क बद्रीनाथ को, आपको जवाड़ी बाईपास से होते हुए, तिलवाड़ा और अगस्त मुनि से आगे, फाटा और फिर त्रियुगीनारायण मंदिर तक जाना पड़ेगा।

फ्लाइट से: उत्तराखंड सरकार द्वारा उड़ान योजना के तहत चमोली जिले के गौचर में हेलीपैड बना हुआ है, देहरादून से आप छोटे जहाज के माध्यम से गोचर तक जा सकते हैं जिसका एक तरफ का प्रति व्यक्ति किराया लगभग ₹4000 है| देहरादून से गोचर पहुंचने में आपको लगभग 40 मिनट लगते हैं, यह त्रियुगीनारायण मंदिर जाने का सबसे तेज साधन है| हालांकि गोचर से त्रियुगीनारायण मंदिर मंदिर पहुंचने में आपको 4 घंटे लगेंगे क्योंकि गोचर से त्रियुगीनारायण मंदिर की दूरी लगभग 104 किलोमीटर है|

ट्रेन से: त्रियुगीनारायण मंदिर रेल के द्वारा जाने के लिए सबसे नजदीकी स्टेशनन ऋषिकेश है,| ऋषिकेश से आगे आप टैक्सी या बस से आसानी से त्रियुगीनारायण मंदिर 7 घंटे से 8 घंटे में पहुंच सकते हैं|


मंदिर के अंदर क्या है?

त्रियुगीनारायण मंदिर को अखंड धूनी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है| यह मंदिर हमेशा जलने वाले रहस्यमय अग्नि कुंड के लिए प्रसिद्ध है जिसमें अभी भी अग्नि जल रही है| इस मंदिर में धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की 2 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है| इसके अलावा मंदिर परिसर में चार बड़े कुंड भी हैं, श्रद्धालु इन्हीं कुण्ड में स्नान करते हैं|

ऐसे माना जाता है कि अपने विवाह से पहले भगवान शिव ने भी इन कुंडों में स्नान किया था| इनमें से प्रत्येक कुंड का निर्माण एक विशेष उद्देश्य के लिए भगवान विष्णु द्वारा भगवान शिव के विवाह के दौरान किया गया था यह चारों कुंड है  ब्रह्मा कुंड, विष्णु कुंड, रुद्रकुंड और सरस्वती कुंड।


त्रियुगीनारायण मंदिर का इतिहास :-

त्रियुगीनारायण मंदिर , उत्तराखंड की रुद्रप्रयाग जिले में स्थित प्राचीन मंदिर है| ऐसी मान्यता है कि मंदिर का कई सदियों पुराना है |

त्रियुगीनारायण मंदिर प्राचीन मंदिर वास्तु शिल्प में केदारनाथ धाम के मंदिर के समान है| पुरानी कथाओं के अनुसार इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है| यह मंदिर सतयुग से संबंध रखता है जब देवता पृथ्वी पर निवास करते थे, वैसे तो यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है लेकिन यहां पर शिव और पार्वती की पूजा भी की जाती है क्योंकि यहीं पर दोनों का विवाह संपन्न हुआ था|

देवी पार्वती ने भगवान शिव को स्वरूप में पाने के लिए और तपस्या की थी| देवी पार्वती की तपस्या समर्पण और प्रेम से भगवान शिव प्रसन्न हुए और देवी पार्वती को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार करने के लिए राजी हो गए |

त्रियुगीनारायण मंदिर में ही भगवान शिव ओर देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था| भगवान शिव और पार्वती के विवाह में स्वयं भगवान विष्णु ने सभी देवताओं, ऋषियों, संतों, और पुजारियों की उपस्थिति में किया था |

मंदिर के बाहर, एक अखंड ज्योति जलती रहती है, इस दिव्य ज्योति के सामने ही भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था और ऐसी मान्यता है कि तब से यह खंड ज्योति निरंतर जलती रहती है|

त्रियुगीनारायण मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?

  • भगवान शिव और पार्वती का विवाह स्थल: पौराणिक कथाओं के अनुसार, यही वो जगह है जहां भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। विष्णु भगवान ने पार्वती के भाई की तरह सारी व्यवस्था की थी और ब्रह्मा जी इस विवाह में पुरोहित बने थे।
  • अखंड धूनी: मंदिर के सामने जलाया गया अग्निकुंड आज भी जल रहा है। कहा जाता है कि इसी अग्नि के साक्षी बनकर शिव-पार्वती का विवाह हुआ था। इस वजह से त्रियुगीनारायण मंदिर को अखंड धूनी मंदिर कहा जाता है।
  • तीन कुंड: विवाह से पहले सभी देवी-देवताओं ने इन कुण्ड में स्नान किया था। त्रियुगीनारायण मंदिर के उसी स्थान पर तीन कुंड बने हुए हैं, जिन्हें रुद्र कुंड, विष्णु कुंड और ब्रह्मा कुंड भी कहते हैं। त्रियुगीनारायण मंदिर के अन्दर के इन तीनों कुंडों का जल सरस्वती कुंड से आता है।
  • हिमालय की राजधानी: त्रियुगीनारायण गांव को पहले हिमालय की राजधानी माना जाता था।

त्रियुगीनारायण मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय

त्रियुगीनारायण मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम अप्रैल से मई ओर अक्टूबर से नवंबर के बीच रहता है| अधिकतर तीर्थ यात्री केदारनाथ यात्रा के दौरान इस मंदिर के दर्शन भी करते हैं| वैसे विशेष अवसरों पर यहां पर हमेशा विवाहों का आयोजन होता रहता है|


त्रियुगीनारायण में शादी करने वाली मशहूर हस्तियाँ

  • जनवरी 2017: टीवी एक्ट्रेस कविता कौशिक, जिन्हें कॉमेडी टीवी श्रृंखला एफआईआर में चंद्रमुखी चौटाला के नाम से जाना जाता है, ने त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी की थी।
  • 2023: बिजनेस टाइकून मुकेश अंबानी अपने बेटे आकाश की शादी के लिए त्रियुगीनारायण मंदिर पर विचार कर रहे थे।
  • 2023: गाजियाबाद की आईपीएस अपर्णा गौतम और नैनीताल के एडीएम ललित मोहन की शादी त्रियुगीनारायण मंदिर में हुई थी।
  • 2023: त्रियुगीनारायण अंतरराष्ट्रीय जोड़ों के लिए भी एक पसंदीदा विवाह स्थल बनता जा रहा है।

अन्य मशहूर हस्तियां इस प्रकार से है :

  • उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत
  • सीरियल अभिनेत्री निकिता शर्मा
  • अभिनेता जितेंद्र असेड़ा
  • एसडीएम जितेंद्र वर्मा

त्रियुगीनारायण मंदिर क्यों लोकप्रिय है?

  • भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह स्थल
  • प्राकृतिक सुंदरता से घिरा
  • शांत और पवित्र वातावरण
  • शादी समारोह के लिए अनुकूल सुविधाएं
  • पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल

त्रियुगीनारायण विवाह के लिए इतना लोकप्रिय क्यों है?

  • आध्यात्मिक महत्व:
    • त्रिदेवों का आशीर्वाद: माना जाता है कि यही वो जगह है जहां भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था, जिसे विष्णु और ब्रह्मा जी ने देखा था। विवाह करने वाले जोड़े तीनों हिंदू देवताओं से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आते हैं।
    • चार धाम यात्रा का हिस्सा: चार धाम यात्रा मार्ग पर स्थित होने के कारण, यह श्रद्धालु हिंदुओं के लिए धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है।
  • प्राकृतिक सौंदर्य:
    • हिमालय का मनमोहक दृश्य: हिमालय की गोद में बसा त्रियुगीनारायण विस्मयकारी दृश्य और शांत वातावरण प्रदान करता है, जो विवाह को यादगार बना देता है।
    • हरी-भरी वनस्पति: आसपास के पहाड़ और घाटियां विवाह समारोहों और तस्वीरों के लिए एक सुंदर पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं।
  • व्यावहारिक पहलू:
    • स्थानीय अनुभव: स्थानीय संस्कृति और रीति-रिवाजों के बीच एक पारंपरिक हिंदू विवाह समारोह का अनुभव करें।
    • किफायती: अन्य लोकप्रिय विवाह स्थलों की तुलना में, त्रियुगीनारायण अधिक किफायती विकल्प हो सकता है।

असल में, त्रियुगीनारायण आध्यात्मिक आशीर्वाद, मनमोहक दृश्यों और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध अनुभव को संयोजित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है, तो वही दूसरी ओर यह एक जीवन का एक अलग ही अनुभव देता है , यहाँ पर पर कम लागत में आपका कार्य संपन्न हो जाता है |

त्रियुगीनारायण विवाह मैं विवाह के लिए आप किसी बड़े वेडिंग प्लानर की सहायता भी ले सकते हैं, आजकल लगभग सभी बड़े वेडिंग प्लानर उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग की सुविधा प्रदान करते हैं आप अपने बजट और सुविधा के अनुसार किसी भी वेडिंग प्लानर का चयन कर सकते हैं|

त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी की योजना बनाने का सबसे अच्छा समय कब है?

त्रियुगीनारायण में शादी करने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून (गर्मियों के महीने) के दौरान है।
इस समय:
मौसम सुहावना होता है,
तापमान गर्म होता है,
बारिश कम होती है,
और पर्यटकों की भीड़ कम होती है।

त्रियुगीनारायण में शादी के आयोजन में कितना खर्च आता है?

त्रियुगीनारायण में शादी का खर्च आपके द्वारा चुने गए सुविधाओं और सेवाओं पर निर्भर करता है। हालाँकि शादी में कम से कम 50,000 का खर्चा तो आता है |

त्रियुगीनारायण मंदिर दिल्ली से कितनी दूर है?

त्रियुगीनारायण मंदिर दिल्ली से लगभग 465 किलोमीटर दूर है |

त्रियुगीनारायण मंदिर तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

त्रियुगीनारायण मंदिर तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका सड़क मार्ग है। दिल्ली से, आप ऋषिकेश के लिए बस या ट्रेन ले सकते हैं और फिर ऋषिकेश से त्रियुगीनारायण के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं।

क्या मंदिर के पास कोई गेस्ट हाउस है?

हां मंदिर के पास आपको, अच्छे होटल, रिसोर्ट और गेस्ट हाउस, होमस्टे आसानी से मिल जाएंगे



Leave a Comment