तुंगनाथ ट्रेक कैसे करे -पूरी जानकारी

यदि आप भी इस साल तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक पर जाने की योजना बना रहे हैं तो यहां पर हम आपको विस्तार से बताएंगे कि तुंगनाथ ट्रेक कैसे करे, तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक -Tungnath Chandrshila Trek के लिए आपको कितने दिन का समय चाहिए, तुंगनाथ कैसे पहुंचे, कहां ठहरे, यात्रा में कुल कितना खर्चा आएगा और यात्रा के दौरान आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना है|

तुंगनाथ- चंद्रशिला उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। यह 3 दिन का ट्रेक उत्तराखंड के कई खूबसूरत स्थानों जैसे चोपता, देवरियाताल, तुंगनाथ शिव मंदिर, चंद्रशिला चोटी (4000 मीटर) की यात्रा करता है। चोपता उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले का एक छोटा सा हिल स्टेशन है, यहाँ सदाबहार जंगल हैं, जहाँ ट्रेकिंग और कैंपिंग की जा सकती है।

चोपता के पास ही देवरियाताल घने जंगलों के बीच स्थित एक बहुत ही खूबसूरत झील है। देवरियाताल समुद्र तल से 2438 मीटर की ऊँचाई पर स्थित, देवरियाताल अपने साफ़ पानी में शक्तिशाली चौखंभा चोटी का प्रतिबिंब प्रस्तुत करता है। तुंगनाथ या तुंगनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र मंदिर है। समुद्र तल से 3680 मीटर की आश्चर्यजनक ऊँचाई पर स्थित, यह मंदिर दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर है।

तुंगनाथ से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ चंद्रशिला को मून पीक के नाम से भी जाना जाता है, यह समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर तुंगनाथ मंदिर के ऊपर स्थित चोटी है। चंद्रशिला चोटी के शिखर बिंदु से हिमालय की विशाल चोटियों जैसे माउंट नंदा देवी, चौखंभा पर्वत, केदार डोम, बंदरपूंछ आदि को देखा जा सकता है।

तुंगनाथ का पौराणिक महत्व | Tungnath Chandrshila Trek

तुंगनाथ से जुड़ी किंवदंती और पांडवों का संबंध

पांडवों की कथा

तुंगनाथ मंदिर की सबसे प्रसिद्ध पौराणिक कथा महाभारत से जुड़ी है। महाभारत के युद्ध के बाद, पांडव अपने भाइयों और गुरु के वध के पाप से मुक्त होना चाहते थे। उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी खोज शुरू की। किंवदंती के अनुसार, भगवान शिव पांडवों से नाराज़ थे और इसलिए उन्होंने बैल का रूप धारण कर लिया और धरती में छिप गए।

पांडवों ने भगवान शिव को खोजने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन वे उन्हें नहीं मिले। अंततः भीम ने शिव के बैल रूप को केदरनाथ में पहचान लिया और उसे पकड़ लिया। इस दौरान, बैल का शरीर धरती में धंस गया और भगवान शिव के विभिन्न अंग अलग-अलग स्थानों पर प्रकट हुए।

तुंगनाथ में भगवान शिव का कंधा- भुजाये प्रकट हुये , जबकि अन्य अंग केदारनाथ (पीठ), मध्यमहेश्वर (नाभि), रुद्रनाथ (चेहरा) और कल्पेश्वर (जटा) में प्रकट हुए। इस प्रकार, तुंगनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया गया। तुंगनाथ भगवान शिव का सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है |

पंच केदार मंदिरों में तुंगनाथ का महत्व

पंच केदार मंदिर भगवान शिव के पांच प्रमुख मंदिरों का समूह है। ये मंदिर उत्तराखंड के केदारनाथ क्षेत्र में स्थित हैं। पंच केदार मंदिरों में केदारनाथ, मद्यमहेश्वर, रुद्रनाथ, कालीमठ और तुंगनाथ शामिल हैं।

तुंगनाथ मंदिर इन पांचों मंदिरों में सबसे ऊंचाई पर स्थित है। यह समुद्र तल से 3,680 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। इसलिए इसे “विश्व का सबसे ऊंचा शिव मंदिर” भी कहा जाता है।

पंच केदार मंदिरों में तुंगनाथ का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यहां भगवान शिव के कंधे की प्रतिष्ठा की गई है। इस प्रकार तुंगनाथ मंदिर न केवल अपनी ऊंचाई और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका पौराणिक और धार्मिक महत्व भी अद्वितीय है। यह मंदिर भक्तों और तपस्वियों को आकर्षित करता है और उनके लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।

तुंगनाथ ट्रेकिंग (Tungnath Chandrshila Trek) की खासियत क्या है?

  • उत्तराखंड के अन्य ट्रेक की तुलना में यह ट्रेक काफी आसान है, जो हर आयु वर्ग और लोगों के लिए सही है |
  • उत्तराखंड के शिखर ट्रेक की तुलना में, यह सबसे आसानी से सुलभ ट्रेक है, जो की मात्र 4.5 किलोमीटर का है |
  • यह ट्रेक आपको दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर तुंगनाथ तक पहुंचाता है जहा की हिमालयी चोटियों का पूरा 360 डिग्री का नजारा मिलता है|
  • यह ट्रेक उन में से कुछ हैं जो पूरे साल सुलभ हैं। हालांकि दिसंबर से फरवरी तक इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण ट्रेक मध्यम श्रेणी में आता है
  • ट्रेक की कठिनाई:
  • दूरी और अवधि
  • ट्रेक की उचाई

मध्यम स्तर, शुरुआती और अनुभवी ट्रेकर्स के लिए उपयुक्त,

मात्र 4.5 किलोमीटर और चंद्रशिला ट्रेक आगे 1.5 किलोमीटर

यात्रा का समय वापसी सहित लगभग 6 घंटे

चोपता से तुंगनाथ की अनुमानित दूरी और समय (लगभग 3.5 किमी, 2-4 घंटे)

तुंगनाथ से चंद्रशिला की दूरी 1.5 किलोमीटर समय 1.5 घंटा )

तुंगनाथ की ऊंचाई (3,680 मीटर / 12,073 फीट)



तुंगनाथ ट्रेक कैसे करे



चंद्रशिला-तुंगनाथ ट्रेक| Chandrshila -Tungnath trek rout map

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तुंगनाथ ट्रेक (Tungnath Chandrshila Trek) कैसे करे?

चंद्रशिला-तुंगनाथ ट्रेक के बेस कैंप चोपता तक पहुंचने के तरीके

आपके मन में सबसे पहला सवाल आ रहा होगा कि चंद्रशिला तुलना ट्रैक के लिए तुंगनाथ चोपता कैसे पहुंचे, तो अपने शहर से तुंगनाथ चोपता पहुंचने के लिए आपके पास तीन प्रमुख साधन है जिनके बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे:-

रेल द्वारा

चोपता -तुंगनाथ के सबसे करीबी प्रमुख रेलवे स्टेशन हरिद्वार जंक्शन हैं, जो लगभग 215 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। हरिद्वार से आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या चोपता -तुंगनाथ पहुंचने के लिए बस ले सकते हैं, जिसके बारे में आगे विस्तार से बताया गया है |

हवाई मार्ग से

चोपता-तुंगनाथ के सबसे करीबी हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो लगभग 225 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या चोपता तुंगनाथ पहुंचने के लिए बस ले सकते हैं।

देहरादून हवाई अड्डे से हरिद्वार ऋषिकेश के लिए बस आसानी से मिल जाती है हालांकि यह बसें एक से डेढ़ घंटे के अंतराल पर चलती हैं इसीलिए आप चाहे तो हवाई अड्डे से बाहर आ जाएं और हवाई अड्डे के बाहर से आपको ऑटो आसानी से मिल जाएंगे जो की 1 घंटे में आपको ऋषिकेश पहुंचा देंगे|

ऋषिकेश से आगे के लिए आपको आसानी से बस या टैक्सी कुंड या उखीमठ तक के लिए मिल जाती है| उखीमठ से चोपता की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है| ऋषिकेश से तुंगनाथ- चोपता पहुंचने में आपको लगभग 7 से 8 घंटे का समय लगेगा|

सड़क मार्ग से

उत्तराखंड के प्रमुख शहरों जैसे देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार से कई सरकारी और निजी बसें उखीमठ जाती हैं। उखीमठ से आप शेयर्ड टैक्सी या प्राइवेट टैक्सी लेकर चोपता गांव पहुंच सकते हैं।

चोपता एक छोटा और सुंदर टाउन है जो उत्तराखंड में हरे-भरे जंगलों और मैदानों से घिरा हुआ है। यह केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा है। चोपता को तुंगनाथ ट्रेक का आधार शिविर कहा जा सकता है।

अगर आप गूगल मैप्स पर चोपता की तलाश करते हैं, तो आपको रुद्रप्रयाग के पास एक चोपता मिलेगा। वास्तव में, इस क्षेत्र में दो जगह चोपता के नाम से जानी जाती हैं। रुद्रप्रयाग के पास का चोपता वह नहीं है जिसकी आप तलाश कर रहे हैं। यह एक बड़ा गांव है और गूगल मैप्स पर भी अच्छी तरह से चिह्नित है। जब हम चोपता की तलाश कर रहे थे, तो यही गलती हमने की थी। जिस चोपता की हम यहां बात कर रहे हैं, वह उखीमठ के पास है।

चोपता तक पहुंचने के कुछ रूट हैं। लेकिन शुरुआत में, आपको हरिद्वार या ऋषिकेश तक पहुंचना होगा। देहरादून में सबसे करीबी हवाई अड्डा है। देहरादून से आप हरिद्वार और ऋषिकेश तक बसों और कैब्स मिल जाएंगी।

हरिद्वार में सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है, जो भारत के अधिकांश प्रमुख शहरों से रेल द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप दिल्ली से ओवरनाइट ट्रेन लेकर सुबह हरिद्वार पहुंच सकते हैं। ऋषिकेश हरिद्वार से आगे 20 किमी है।

हरिद्वार या ऋषिकेश से आप बसों और शेयर्ड वाहनों से उखीमठ तक पहुंच सकते हैं। हमने ऋषिकेश से उखीमठ तक बस ली थी। उखीमठ से आप शेयर्ड जीप्स से चोपता तक पहुंच सकते हैं या कैब भी बुक कर सकते हैं। दूसरा रूट है कि आप हरिद्वार/ऋषिकेश से गोपेश्वर तक पहुंचें और फिर चोपता तक जाएं।

अगर आप पहले देओरियतल ट्रेक कर रहे हैं, तो आपको सरी गांव से डुग्गलबिट्टा आना होगा और फिर चोपता पहुंचना होगा।

अगर आप ऋषिकेश से चोपता के लिए आ रहे हैं तो कुंड वह जगह है जहां से रास्ता एक तरफ केदारनाथ के लिए चला जाता है तो दूसरी तरफ तुंगनाथ चोट के लिए चला जाता है|





चंद्रशिला-तुंगनाथ ट्रेक की यात्रा विवरण | Chandrshila-tungnath trek itinary

पहला दिन:- इस दिन आप दिल्ली या अपने शहर से हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंचे| दिल्ली से ऋषिकेश की दूरी लगभग 230 किलोमीटर है| आप चाहे तो दिल्ली से सीधा उखीमठ की बस कश्मीरी गेट बस अड्डे से उत्तराखंड परिवहन निगम की ले सकते हैं जो रात्रि 9:00 बजे चलती है और सुबह 10:00 बजे तक आपको उखीमठ पहुंचा देगी| दिल्ली से उखीमठ तक का किराया लगभग ₹900 है|

चाहे तो कश्मीरी गेट से ऋषिकेश तक की बस ले जो की सुबह 4:00 बजे आपको ऋषिकेश पहुंचा देगी और फिर ऋषिकेश से उत्तराखंड परिवहन निगम की बस पकड़ कर दिन में 1:00 तकउखीमठ पहुंच जाए |

दूसरे दिन:- यदि पहले दिन आपने हरिद्वार या ऋषिकेश में आराम करके आप यहां से सुबह-सुबह उत्तराखंड परिवहन निगम की बस ले सकते हैं जो कि आपको कुंड पहुंचा देगी| ऋषिकेश से कुंड की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है और यात्रा का समय लगभग 5 से 6 घंटे हैं वहीं किराए की बात करें तो किराया लगभग ₹600 है आप कोशिश करें कि केवल उत्तराखंड परिवहन निगम की ही बस पकड़े|

ऋषिकेश से तुंगनाथ पहुंचने के लिए दूसरा प्रमुख साधन है शेयरिंग टैक्सी| ऋषिकेश से कुंड या उखीमठ या चोपता तुंगनाथ की जो भी टैक्सी मिले उससे आप चोपता पहुंच जाएं| यात्रा का समय लगभग 5 से 6 घंटे और किराया लगभग हजार रुपए रहता है|

  • ऋषिकेश से कुंड:- कुल दूरी 220 किलोमीटर यात्रा का समय 5 से 6 घंटे बस का किराया ₹500 और टैक्सी लगभग हजार रुपए
  • कुंड से चोपता की दूरी लगभग 40 किलोमीटर, टैक्सी का किराया ₹300 और यात्रा का समय लगभग 2 घंटे या फिर
  • कुंड से उखीमठ कुल दूरी 8 किलोमीटर टैक्सी का किराया ₹30 और फिर उखीमठ से चोपता कुल दूरी 30 किलोमीटर टैक्सी का किराया ₹200 समय लगभग 1 घंटा

आप चाहे तो चोपता से 1 किलोमीटर पहले भी रुक सकते हैं जहां पर प्रमुख कैंपिंग साइट उपलब्ध हैं, यहां पर आपको रुकने के लिए कैंप ₹2000 तक में मिल जाएंगे वही चोपता मार्केट में आपको होटल ₹3000 तक एक रात के लिए मिल जाते हैं|

तीसरे दिन:- इस दिन आप सुबह-सुबह चोपता से तुंगनाथ की यात्रा शुरू करें जिसके लिए आपको यात्रा पर्ची लेनी होगी वन विभाग के काउंटर से जो लगभग 150-200 के बीच में है चोपता से तुंगनाथ की दूरी लगभग 4.5 किलोमीटर की है जिसको आप आराम आराम से तीन से चार घंटे में पूरा कर सकते हैं|

उसके पश्चात आप चाहे तो तुंगनाथ से आगे चंद्रशिला की यात्रा शुरू कर सकते हैं जो लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर की है और यात्रा का समय भी लगभग एक से डेढ़ घंटा है|

इस प्रकार आप उसी दिन दोपहर तक वापस आ जाएं और आप चाहे तो उसे दिन देवरियाताल भी जा सकते हैं, जोकि चोपता से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है और देवरिया ताल तक जाने के लिए आपको लगभग 3 किलोमीटर का लंबा ट्रैक करना होगा जो कि आप लगभग 2 घंटे में पूरा कर सकते हैं |

आप चाहे तो उसी दिन वापस आकर उखीमठ और रुक सकते हैं या आप चाहे तो फिर आगे रुद्रप्रयाग आ सकते हैं|

चौथा दिन:- इस दिन आप चोपता, उखीमठ रुद्रप्रयाग जहां भी रुके हैं उसे दिन आगे की यात्रा शुरू कर हरिद्वार ऋषिकेश या दिल्ली आ सकते हैं|

नोट :- रुद्रप्रयाग जिले में एक और स्थान चोपता के नाम से भी जाना जाता है जो की रुद्रप्रयाग के पास ही है इसलिए जब भी आप चोपटा की बात करें तो तुंगनाथ वाले चोपता जो कि उखीमठ के पास है|

तुंगनाथ चंद्रशिला यात्रा का कुल बजट | Tungnath Chandrshila Trek budget

तुंगनाथ चंद्रशिला यात्रा का अनुमानित बजट यहां पर हम आपकी जानकारी के लिए बता रहे हैं:-

  • अपने शहर से हरिद्वार या ऋषिकेश आने और ऋषिकेश में रुकने का कुल खर्च लगभग ₹2000
  • ऋषिकेश से चोपता जाने और आने का खर्चा बस से 1500 रुपए टैक्सी से ₹2000
  • चोपता में दो दिन होटल का किराया लगभग ₹4000
  • यात्रा के दौरान तीन दिन का खाने का खर्चा लगभग ₹2000
  • यात्रा के दौरान अन्य प्रकार के खर्च लगभग हजार रुपए

इस प्रकार तुंगनाथ- चंद्रशिला यात्रा का आपका तीन दिन का यात्रा का बजट लगभग ₹10000 है यदि आप इस यात्रा को केवल बस के माध्यम से करते हैं और चोपता में एक ही दिन रुकते हैं तो आपका बजट लगभग 5000 से ₹6000 के बीच हो सकता है|

तुंगनाथ चंद्रशिला जाने का सबसे अच्छा समय | Tungnath Chandrshila Trek best time to visit

तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक करने के लिए सबसे बढ़िया समय मई और जून और अक्टूबर से नवंबर के बीच रहता है इस दौरान मंदिर के कपाट खुले रहते हैं यात्रा मार्ग में यात्रियों के कारण काफी सुविधा रहती हैं|

इसके अलावा आप चाहे तो दिसंबर से मार्च के बीच में भी तुंगनाथ ट्रैक कर सकते हैं क्योंकि इस दौरान यात्रा मार्ग में बर्फबारी के कारण यात्रा का अपना ही रोमांचक अनुभव रहता है|

हालांकि इस दौरान मंदिर बंद रहता है और यात्रा मार्ग में खाने-पीने की कोई भी सुविधा नहीं रहती है इसलिए इस दौरान आपके यात्रा हो सके तो किसी गाइड के मार्गदर्शन में ही करनी चाहिए|

तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रेक की आवश्यक तैयारी | Tungnath Chandrshila Trek preparation

जैसे कि हमने ऊपर आपको बताया है तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक एक माध्यम प्रकार का ट्रैक है हालांकि कोरोना के बाद पहाड़ों पर ट्रैक करना काफी चैलेंजिंग हो गया है| चोपता से चंद्रशिला तक का लगभग 6 किलोमीटर का ट्रैक काफी जगह पर बिल्कुल खड़ा है|

इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आप तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक की तैयारी अवश्य कर ले | इस ट्रैक को करने से पहले कम से कम 2 महीने तक आप 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की आदत डालें| इसके अलावा अगर आप बरसात के समय में या बर्फबारी के समय यह ट्रैक कर रहे हैं तो इस दौरान आपको विशेष सावधानी रखनी है और अपने साथ ट्रैक के लिए विशेष उपकरण साथ लेकर चलने हैं|

  • फिटनेस तैयारी: तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक करने से 2 से 3 महीने पहले काम से कम 4 से 5 किलोमीटर प्रतिदिन चलें|
  • गियर और उपकरण: अनुशंसित ट्रेकिंग गियर, जिसमें कपड़े, फुटवियर और सहायक उपकरण शामिल हैं।
  • पैकिंग आवश्यकताएँ: अनिवार्य वस्तुओं की सूची (पानी, नाश्ता, प्राथमिक चिकित्सा किट, आदि)।

तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक के दौरान अन्य प्रमुख स्थान की यात्रा| Places nearby Tungnath

वैसे तो तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक आप 2 से 3 दिन में पूरा कर सकते हैं हालांकि अधिकतर यात्री केदारनाथ यात्रा के दौरान ही तुंगनाथ की यात्रा भी करते हैं | इसलिए यदि आप तुंगनाथ चंद्रशिला के ट्रैक पर जा रहे हैं तो उसके अलावा आप आसपास के कुछ प्रमुख जगहों की भी यात्रा कर सकते हैं जिनमें से दो स्थान मुख्य रूप से हैं केदारनाथ से तुंगनाथ और देवरिया ताल इसके अलावा आप एक अन्य प्रमुख पंच केदार मध्यमेश्वर धाम की भी यात्रा कर सकते हैं|

1. केदारनाथ मंदिर

केदारनाथ मंदिर, तुंगनाथ से लगभग 91 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे पंच केदारों में से एक माना जाता है। केदारनाथ का मंदिर समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं।

2. बद्रीनाथ मंदिर

बद्रीनाथ मंदिर, तुंगनाथ से लगभग 150 किलोमीटर दूर है। यह भी भगवान विष्णु को समर्पित है और चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बद्रीनाथ मंदिर समुद्र तल से 3,133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां भी हर साल बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।

3. जोशीमठ

जोशीमठ, तुंगनाथ से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक प्राचीन शहर है और इसे शंकराचार्य का निवास स्थान माना जाता है। जोशीमठ से आप औली के लिए भी जा सकते हैं, जो एक प्रसिद्ध स्कीइंग स्थल है।

4. चोपता

चोपता, तुंगनाथ का आधार गांव है और इसे “छोटा स्विट्जरलैंड” भी कहा जाता है। यह एक सुंदर स्थान है, जहां से तुंगनाथ के लिए ट्रेकिंग की जाती है। चोपता में प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।

5. चंद्रशिला

चंद्रशिला, तुंगनाथ मंदिर के पास स्थित एक ऊंची चोटी है। यह चोटी 4,000 मीटर की ऊंचाई पर है और यहां से हिमालय की बर्फीली चोटियों का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। चंद्रशिला पर पहुंचने के लिए तुंगनाथ से एक छोटी ट्रेकिंग की आवश्यकता होती है।

6. देवरियाताल

तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक के दौरान सबसे नजदीकी स्थान देवरिया ताल है जिस्म की आपको लगभग 20 किलोमीटर सड़क मार्ग से और फिर 3 किलोमीटर के पैदल मार्ग से यात्रा करनी होती है जिसको आप लगभग तीन घंटे में पूरी कर सकते हैं|

तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक सुरक्षा टिप्स | Tungnath Chandrshila Trek safety tips

चोपता तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रेक के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव निम्नलिखित हैं:

तैयारी और उपकरण

  • सही गियर: ट्रेकिंग के लिए उचित कपड़े और उपकरण जैसे कि गर्म कपड़े, ट्रेकिंग बूट्स, और रेनकोट ले जाना आवश्यक है। ठंडे मौसम में कई परतें पहनें, जिसमें थर्मल, ऊनी स्वेटर, और पेडेड जैकेट शामिल हों|
  • आपातकालीन किट: हमेशा एक प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें, जिसमें बुनियादी चिकित्सा सामग्री और उच्च ऊंचाई के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर शामिल हों|

शारीरिक तैयारी

  • स्वास्थ्य की जांच: ट्रेक पर जाने से पहले अपनी स्वास्थ्य स्थिति की जांच करें। उच्च ऊंचाई पर ऑक्सीजन स्तर की निगरानी करें और जरूरत पड़ने पर आराम करें|

मौसम की जानकारी

  • मौसम का पूर्वानुमान: ट्रेक पर जाने से पहले मौसम की जानकारी प्राप्त करें। बारिश या बर्फबारी की संभावना होने पर उचित तैयारी करें, जैसे कि रेनकोट और अतिरिक्त गर्म कपड़े|

समूह में चलना

  • साथ में चलें: हमेशा अपने समूह के साथ रहें। अकेले चलने से बचें, खासकर कठिन या कम ज्ञात मार्गों पर|

जल और भोजन

  • पर्याप्त जल और भोजन: ट्रेक के दौरान पर्याप्त पानी और ऊर्जा देने वाले स्नैक्स साथ रखें। हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है, खासकर ऊंचाई पर|

सुरक्षित मार्ग

  • मार्ग की पहचान: ट्रेकिंग मार्ग को अच्छी तरह से जानें और उसे पहचानें। यदि आप नए हैं, तो एक अनुभवी गाइड के साथ चलना बेहतर होगा|

तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक आवास और भोजन | Tungnath Chandrshila Trek hotels and food guide

तुंगनाथ ट्रैक के दौरान आपको कम से कम एक दिन चोपता में रुकना पड़ सकता है| इसलिए आप चाहे तो चोपता में होटल ले सकते हैं जो कि आपको कम से कम ₹3000 में मिलेगा आप चाहे तो चोपता से 1 किलोमीटर पहले भी रुक सकते हैं जहां पर रुकने के लिए कैंपिंग की सुविधा उपलब्ध है यहां पर कैंपिंग आपको ₹2000 में आसानी से मिल जाएगी|

इसके अलावा तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक के दौरान आपको खाने पीने की कोई अधिक परेशानी नहीं होगी यदि आप यात्रा के दौरान जा रहे हैं तो मंदिर के कपाट आपके खुले मिलेंगे जो कि मई से लेकर अक्टूबर तक खुले रहते हैं|

हालांकि यदि आप बर्फबारी के दौरान तुंगनाथ ट्रैक करते हैं तो इस दौरान यात्रा मार्ग में खाने-पीने की दुकान आपको नहीं मिलेंगे इसलिए ट्रैक के दौरान आप अपने खाने पीने का सामान साथ लेकर चले| आप चाहे तो तुंगनाथ मंदिर के पास भी रुक सकते हैं हालांकि यहां पर रुकने के लिए काफी कम साधन होते हैं|

तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक के दौरान हो सके तो आपको होटल एडवांस में बुक कर सकते हैं इसके लिए आप किसी अच्छी वेबसाइट का प्रयोग कर सकते हैं|

तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रेक से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: तुंगनाथ ट्रेक का सबसे अच्छा समय कब है?

उत्तर: तुंगनाथ ट्रेक के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से नवंबर तक है। इस दौरान मौसम सुहावना और ट्रेकिंग के लिए अनुकूल होता है। हालांकि कुछ यात्री जनवरी-फरवरी में भी इस ट्रैक पर बर्फबारी का आनंद देने के लिए यात्रा करते हैं मगर इस दौरान यात्रा मार्ग में बहुत कम सुविधा रहती है और इस दौरान आपको गाइड के मार्गदर्शन में ही ट्रैक करना चाहिए|

प्रश्न 2: तुंगनाथ ट्रेक की कुल दूरी कितनी है?

उत्तर: तुंगनाथ मंदिर से चोपता की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है। यह ट्रेक सामान्यतः 2-4 घंटे में पूरा किया जा सकता है।

प्रश्न 3: क्या तुंगनाथ ट्रेक कठिन है?

उत्तर: तुंगनाथ ट्रेक को मध्यम कठिनाई का माना जाता है। यह शुरुआती और अनुभवी trekkers दोनों के लिए उपयुक्त है।

प्रश्न 4: क्या मैं तुंगनाथ ट्रेक अकेले कर सकता हूँ?

उत्तर: हाँ, आप तुंगनाथ ट्रेक अकेले कर सकते हैं, लेकिन स्थानीय गाइड को साथ लेना हमेशा सुरक्षित रहता है।

प्रश्न 5: क्या तुंगनाथ ट्रेक के लिए कोई विशेष अनुमति की आवश्यकता है?

उत्तर: सामान्यतः तुंगनाथ ट्रेक के लिए कोई विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन कुछ क्षेत्रों में स्थानीय नियमों के अनुसार अनुमति की जांच करें। तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रैक शुरू करने के लिए आपको वन विभाग से इसके लिए एक पर्ची लेनी होती है जो की ट्रैक के शुरुआत में ही मिल जाती है|

प्रश्न 6: क्या ट्रेक के दौरान मोबाइल सिग्नल उपलब्ध है?

उत्तर: ट्रेक के दौरान कुछ स्थानों पर मोबाइल सिग्नल उपलब्ध हो सकता है, लेकिन अधिकांश स्थानों पर सिग्नल नहीं होता।

प्रश्न 7: क्या चंद्रशिला की चोटी पर पहुंचने के लिए तुंगनाथ से कितनी दूरी तय करनी होगी?

उत्तर: चंद्रशिला की चोटी तक पहुंचने के लिए तुंगनाथ से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है।

प्रश्न 8: क्या तुंगनाथ ट्रेक पर ठहरने की व्यवस्था है?

उत्तर: हाँ, तुंगनाथ के पास कई छोटे होटल और धर्मशालाएँ हैं, जहां आप ठहर सकते हैं।

प्रश्न 9: तुंगनाथ ट्रेक के लिए क्या सामान ले जाना चाहिए?

उत्तर: ट्रेक के लिए जरूरी सामान में हल्के कपड़े, पानी, स्नैक्स, प्राथमिक चिकित्सा किट, और ट्रेकिंग जूते शामिल हैं।

प्रश्न 10: क्या तुंगनाथ ट्रेक पर खाने की व्यवस्था है?

उत्तर: हाँ, तुंगनाथ के पास कुछ दुकानें हैं जहां खाने-पीने की चीजें उपलब्ध होती हैं।

प्रश्न 11: क्या तुंगनाथ ट्रेक पर बर्फबारी होती है?

उत्तर: हाँ, तुंगनाथ ट्रेक पर सर्दियों में बर्फबारी होती है, जिससे ट्रेकिंग चुनौतीपूर्ण हो जाती है।

प्रश्न 12: क्या तुंगनाथ ट्रेक बच्चों के लिए सुरक्षित है?

उत्तर: हाँ, तुंगनाथ ट्रेक बच्चों के लिए सुरक्षित है, लेकिन छोटे बच्चों के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 13: क्या मुझे ट्रेकिंग के लिए फिटनेस की आवश्यकता है?

उत्तर: हाँ, तुंगनाथ ट्रेक के लिए शारीरिक फिटनेस महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऊँचाई पर और चढ़ाई वाले रास्तों पर होता है।

प्रश्न 14: क्या तुंगनाथ ट्रेक पर कोई विशेष त्योहार मनाए जाते हैं?

उत्तर: हाँ, तुंगनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि और अन्य धार्मिक त्योहारों के दौरान विशेष पूजा और उत्सव मनाए जाते हैं।

प्रश्न 15: क्या चंद्रशिला पर सूर्योदय देखने का कोई विशेष समय है?

उत्तर: चंद्रशिला पर सूर्योदय देखने के लिए, आपको तुंगनाथ से सुबह 4:30 बजे निकलना चाहिए।

प्रश्न 16: क्या तुंगनाथ ट्रेक पर कोई गाइड की आवश्यकता है?

उत्तर: गाइड की आवश्यकता नहीं है, लेकिन एक स्थानीय गाइड लेने से आपकी यात्रा और सुरक्षित और सुखद हो सकती है।

प्रश्न 17: तुंगनाथ ट्रेक के लिए क्या मौसम की तैयारी करनी चाहिए?

उत्तर: मौसम की तैयारी में हल्के और गर्म कपड़े, बारिश से बचने के लिए जैकेट, और पर्याप्त पानी शामिल करना चाहिए।

प्रश्न 18: क्या मैं तुंगनाथ ट्रेक पर शराब पी सकता हूँ?

उत्तर: नहीं, तुंगनाथ ट्रेक पर शराब पीना उचित नहीं है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

प्रश्न 19: क्या तुंगनाथ ट्रेक पर आपात स्थिति में क्या करना चाहिए?

उत्तर: आपात स्थिति में, स्थानीय गाइड या ट्रेकिंग समूह से संपर्क करें और प्राथमिक चिकित्सा किट का उपयोग करें। यदि आवश्यक हो, तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की ओर बढ़ें।



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