यदि आप भी इस साल पंचकेदार की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो हम यहां पर आपको विस्तार से बताएंगे कि आप पंचकेदार की यात्रा कैसे करे, पंचकेदार की यात्रा कितने दिन में पूरी होगी, इस यात्रा करने का सही क्रम और मार्ग क्या है पंचकेदार की यात्रा को बस से, शेयरिंग टैक्सी से या अपनी गाड़ी से करने में आपको कितना खर्चा आएगा ओर पंचकेदार की यात्रा के दौरान कौन-कौन से प्रमुख पड़ाव होंगे|
महाभारत काल में जब पांडव अपने भाइयों की हत्या के पाप से मुक्ति पाना चाहते थे भगवान श्री कृष्ण के सलाह वह भगवान शिव की खोज में निकल पड़े ताकि वह भगवान शिव का आशीर्वाद पाकर भाइयों के हत्या के पाप से मुक्त हो सके |
भगवान शिव उनसे नाराज थे ओर उनसे बचते रहे मगर अंत में पांडवों ने केदारनाथ में भगवान् शिव को बेल के रूप में पहचान लिया | जब भीम ने उनको पकड़ने की कोशिश की तो ऐसी पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव धरती में समा गए और उनके शरीर के अलग-अलग भाग उत्तराखंड के पांच अलग-अलग जगह पर प्रकट हुए जिनमें प्रमुख भाग केदारनाथ में , नाभि के रूप में मध्यमेश्वर , भुजा के रूप में तुंगनाथ . मुख के रूप में रुद्रनाथ ओर जटा के रूप में कल्पेश्वर|
पंचकेदार की यात्रा के 5 मंदिरों के नाम ओर खुलने की तारीख
पंचकेदार | मंदिर खुलने की तिथि |
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1. केदारनाथ मंदिर (पहला पंचकेदार) | 10 मई 2024 |
2. मध्यमहेश्वर मंदिर (द्वितीय पंचकेदार) | 22 मई 2024 |
3. तुंगनाथ मंदिर (तीसरा पंचकेदार) | 14 मई 2024 |
4. रुद्रनाथ मंदिर (चौथा पंचकेदार) | 18 मई 2024 |
5. कल्पेश्वर मंदिर (पांचवा पंचकेदार) | साल भर खुला रहता |
पंचकेदार की यात्रा 5 मंदिरों के यात्रा का रूट
पंचकेदार ट्रेक के दौरान ट्रेकिंग की दूरी
अपनी पंचकेदार की यात्रा के दौरान आपको अधिकतर दूरी सड़क मार्ग से ही तय करनी है| इस पंचकेदार की यात्रा के दौरान सबसे कठिन पैदल यात्रा रुद्रनाथ मंदिर की करनी होती है जो कि लगभग 15 से 20 किलोमीटर है|
पहले पंचकेदार , केदारनाथ धाम की यात्रा भी लगभग 18 किलोमीटर की है| सबसे कम पैदल यात्रा कल्पेश्वर धाम की है जो लगभगआधा किलोमीटर की है (अब उर्गम गाँव के पास मंदिर तक सड़क है ) | इसके अलावा मध्माहेश्व्र्मंदिर की यात्रा लगभग 16 किलोमीटर की तो वहीं तुंगनाथ की मात्र 4 किलोमीटर की पैदल यात्रा है|
पञ्च केदार धाम | पैदल यात्रा मार्ग | पंचकेदार की यात्रा की कुल दूरी |
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ऋषिकेश | गौरीकुंड | 240 किलोमीटर बस + 5 किलोमीटर टैक्सी |
केदारधाम की यात्रा (पहला पंचकेदार) | गौरीकुंड से केदारधाम ओर वापसी | 36 किमी (प्रति तरफ 18 किमी) |
मद्महेश्वर मंदिर की यात्रा (द्वितीय पंचकेदार) | रांसी गांव से मद्महेश्वर और वापस रांसी गांव | 32 किमी (प्रति साइड 16 किमी) |
तुंगनाथ मंदिर की यात्रा (तीसरा पंचकेदार) | चोपता से तुंगनाथ और वापस चोपता तुंगनाथ से चंद्रशिला यात्रा यदि करनी है | 7 किमी (प्रति साइड 3.5 किमी) 3 किमी (प्रति साइड 1.5 किमी) |
रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा (चौथा पंचकेदार) | सागर -पनार बुग्याल -रुद्रनाथ ओर वापसीसागर -पनार बुग्याल -रुद्रनाथ ओर वापसी | 34 किमी (17 किमी प्रति साइड) |
कल्पेश्वर मंदिर की यात्रा (पांचवा पंचकेदार) | जोशीमठ -उर्गम गाँव -कल्पेश्वर उर्गम गाँव तक सड़क | मात्र कुछ आधा किलोमीटर |
ड्राइविंग दूरी ऋषीकेश से वापसी ऋषीकेश – यात्रा के कुल दिन 8 से 10
सड़क /गाडी से यात्रा मार्ग | यात्रा की दूरी ओर समय |
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ऋषिकेश से सोनप्रयाग | 240 किमी (7-8 घंटे) |
सोनप्रयाग से उखीमठ | 60 किमी (1-2 घंटे) |
उखीमठ से रांसी /अक्तोलीधर | 21 किमी (1-2 घंटे) |
रांसी /अक्तोलीधर से चोपता | 50 किमी, 2-2.5 घंटे |
चोपता से गोपेश्वर – सागर गांव | 70 किमी, (5-6 घंटे) |
सागर गाँव से जोशीमठ | 70 किमी, (2-3 घंटे) |
जोशीमठ से उर्गम गाँव – कल्पेश्वर | 30 किमी, 2 घंटे |
जोशीमठ से बद्रीनाथ यात्रा यदि करनी है ओर वापसी | 45 किमी (3-4 घंटे) |
जोशीमठ से ऋषिकेश | 270 किमी, (7-8 घंटे) |
पंचकेदार की यात्रा कैसे करे:-
पंचकेदार की यात्रा करने का सही क्रम में सबसे पहले आपको केदारनाथ धाम की यात्रा करनी है उसके पश्चात मद्महेश्वर धाम की यात्रा फिर तुंगनाथ धाम की यात्रा यह तीनों पंचकेदार उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हैं और आसपास ही स्थित है उसके पश्चात रुद्रनाथ धाम की यात्रा जो की थोड़ी कठिन यात्रा है और अंत में कल्पेश्वर धाम, यह दोनों पंचकेदार चमोली जिले में है |
कल्पेश्वर धाम के पास बद्रीनाथ धाम भी है अगर आप चाहे तो बद्रीनाथ धाम से अपनी यात्रा की समाप्ति कर सकते हैं| पंच केदार कि यात्रा में आपको कम से कम 10 से 12 दिन का समय लग सकता है | आप चाहे तो इस यात्रा को सरकारी बस से कर सकते हैं जो की सबसे सस्ता साधन है ओर सबसे कम खर्च लगेगा|
पंचकेदार यात्रा का दूसरा साधन शेयरिंग टैक्सी से है लेकिन इसमें आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपको अपनी यात्रा सुबह-सुबह ही शुरू करनी है क्योंकि अधिकतर शेयरिंग टैक्सी आपको सुबह-सुबह ही मिलेगी|
पंचकेदार की यात्रा करने का सबसे बढ़िया और तेज साधन है अपनी गाड़ी या कार के माध्यम| यहां पर हम बस से ओर शेयरिंग टैक्सी के माध्यम से पंचकेदार यात्रा के बारे में बता रहे हैं जिसमें कि हम कम से कम दिन लेकर आपको यात्रा का विवरण दे रहे हैं|
आप अपनी सुविधा के अनुसार इसमें दो से तीन दिन जोड़कर इस पंचकेदार की यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर अपने जीवन को धन्य कर सकते हैं| इस पंच केदार यात्रा के लिए आपको पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए और हमारे बताएंगे विवरण के बाद आपको इस यात्रा करने में बहुत अधिक सुविधा हो जाएगी ओर इस प्रकार की जानकारी आपको पहले कहीं नहीं दी गई है
पहला दिन :- पहला पंचकेदार केदारधाम की यात्रा के पड़ाव तक पहुचना
- पहले दिन आप अपने शहर से ऋषिकेश पहुंच जाएं और ऋषिकेश में रात्रि विश्राम कर लें|
- ऋषिकेश से अगले दिन सुबह-सुबह सोनप्रयाग के लिए बस या शेयरिंग टैक्सी पकडे |
- ऋषिकेश से सोनप्रयाग की दूरी लगभग 240 किलोमीटर है, और बस के माध्यम से आपको यहां पहुंचने में 8 से 10 घंटे का समय लगेगा |
- वहीं बस का किराया ऋषिकेश से सोनप्रयाग तक का 800 से एक हजार रुपए तक ओर शेयरिंग टैक्सी का किराया ₹1200 से तक हो सकता है|
- सोनप्रयाग पहुंचने के बाद ₹50 शेयरिंग टैक्सी के माध्यम से आप गौरीकुंड पहुंच जाए और रात्रि विश्राम गौरीकुंड में करें
- गौरीकुंड में आपको शेयरिंग बेड ₹500 में और होटल ₹1500 में मिल जाएंगे जो की यात्रा सीजन के हिसाब से कम-ज्यादा होता है |
- गौरीकुंड में रात्रि के खाने की और सुबह नाश्ते का खर्चा आपको 200 तक हो सकता है
दूसरा दिन :- पहले पंचकेदार बाबा केदारधाम की यात्रा
- गौरीकुंड से सुबह-सुबह 4:00 बजे केदारनाथ धाम के लिए 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा आप शुरू करें|
- आप चाहे तो गौरीकुंड से घोड़े या खच्चर भी कर सकते हैं जिसका किराया केदारनाथ धाम तक लगभग ₹3000 रहता है
- गौरीकुंड से केदारनाथ तक की पैदल 18 किलोमीटर की यात्रा को आप 10 से 12 घंटे में पूरी कर सकते हैं|
- आप शाम तक केदारनाथ धाम पहुंच जाएंगे रात्रि बाबा केदारनाथ की आरती में शामिल हो |
- केदारनाथ धाम में आपको हजार रुपए में टेंट की सुविधा मिल जाएगी|
पंचकेदार की यात्रा में से केवल केदारनाथ धाम के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है इसलिए पंच केदार की यात्रा में केदारनाथ की यात्रा करने के लिए आपको पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा | चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन करने के लिए हमने पहले ही आपको चार तरीका बता दिए हैं आप इनमें से किसी भी तरीके से केदारनाथ के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं
तीसरा दिन – बाबा केदार के दर्शन ओर द्वितीय पंचकेदार मध्यमहेश्वर धाम की यात्रा की तैयारी
- अगले दिन सुबह 3:00 से 4:00 बजे बाबा केदार के दर्शन के लिए लाइन में लगे और 6 से 7 बजे तक आपको बाबा केदार के दर्शन हो जाएंगे
- आप चाहे तो डेढ़ से 2 किलोमीटर दूर बाबा भैरवनाथ के दर्शन भी कर सकते हैं और उसके पश्चात गौरीकुंड की वापसी यात्रा करें|
- अगर आप शाम तक गौरीकुंड/ सोनप्रयाग पहुंच जाते हैं ( लगभग 6-7 घंटे में ) ओर टैक्सी मिलती है तो आप गौरीकुंड/सोनप्रयाग से उखीमठ के शेयरिंग टैक्सी पकडे , नहीं तो गौरीकुंड , सोनप्रयाग में ही रुके |
- सोनप्रयाग से उखीमठ लगभग 60 किलोमीटर है ओर शेयरिंग टैक्सी का किराया लगभग रु 250 तक रहता है |
- उखीमठ में होटल लेकर आराम कर सकते हैं ,यहाँ आपको 1000 में होटल होटल मिल जाएगा और खाने को 100 से ₹300 तक का खर्चा|
चोथा दिन – द्वितीय पंचकेदार मध्यमहेश्वर धाम की यात्रा शरू
- उखीमठ से सुबह-सुबह शेयरिंग टैक्सी से रांसी गाँव से 1 किलोमीटर आगे अग्तोलीधार जाएं क्योंकि अब रांसी गांव से 1 किलोमीटर आगे अगतोली धार तक सड़क मार्ग है|
- उखीमठ से रांसी गाँव/अग्तोली धार 20 किलोमीटर है ओर टैक्सी का किराया लगभग रु 100 है |
- अब अग्तोली धार से मद्महेश्वर मंदिर धाम की दूरी 16 किलोमीटर की है यदि आपको पहाड़ों में ट्रैक करने की आदत है तो आप इस दूरी को एक दिन में 10 से 12 घंटे में पूरी कर सकते हैं नहीं तो आपको मध्यमहेश्वर धाम की इस यात्रा को पूरा करने में दो दिन लगेंगे और आप आराम -आराम से इस यात्रा को पूरा करें|
- अब अग्तोली धार से गोंडर गांव>> बंटोली संगम>> खडरा>> नानू जैसे पड़ाव से होकर आप 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर मध्यमेश्वर धाम तक पहुंच जाएंगे|
- आप रांसी या गोंडर गाँव से घोड़े से यात्रा कर सकते है जिसका किराया लगभग मध्यमहेश्वर धाम तक रु 2500 के आसपास रहता है |
- रास्ते में आपको रुकने के लिए बंटोली में आसानी से कुछ होटल ओर होम स्टे मिल जायेंगे , अगर आपको लगता है कि आप इस यात्रा को 1 दिन पूरी नहीं कर पा रहे हैं तो आप बंटोली में रुक जाएं,आगे रुकने के साधन कम है ओर बंटोली के बाद बिलकुल खड़ी चढ़ाई है और आपको सबसे अधिक समय इसी चढ़ाई में लगता है तो इस चढ़ाई को पूरा करने के लिए आपको कम से कम 5 से 6 घंटे का समय चाहिए|
- यदि आप शाम तक मध्यमहेश्वर धाम पहुंच गए हैं तो शाम को बाबा की आरती में शामिल हो सकते है और यहां पर आपको ₹500 से लेकर हजार रुपए तक में टेंट या कोई होटल मिल जाएगा
पांचवा दिन :- मध्यमहेश्वर के दर्शन ओर तीसरे पंचकेदार तुंगनाथ के ओर प्रस्थान की तैयारी
- सुबह-सुबह आप चाहे तो 2 किलोमीटर आगे बूढ़े मधेम्हेश्वर की यात्रा पर भी जा सकते हैं अधिकतर यात्री यहां पर सूर्योदय के समय जाते हैं क्योंकि उसे समय यहां से चौखंबा पर्वत सूर्य की रोशनी से स्वर्णमय हो जाता है|
- बूढ़े मध्यमहेश्वर की यात्रा में आपको यह ध्यान रखना चाहिए की मौसम साफ हो तभी आपको वहा जाने का फायदा है इस यात्रा में आपको दो से तीन घंटे लग सकते हैं इसलिए आप अपना समय उसी अनुसार निर्धारित करें|
- मध्यमेश्वर के दर्शन के पश्चात आप अपनी वापसी की यात्रा की तैयारी करें और शाम तक आप रांसी गांव या उखीमठ तक पहुंच सकते हैं|
- रांसी गाँव या उखीमठ में आप आराम कर सकते है |
छठा दिन :- तीसरे पंचकेदारर तुंगनाथ के दर्शन
- उखीमठ से सुबह-सुबह आप चोपता के लिए शेयरिंग टैक्सी से यात्रा करे जो की लगभग 50 किलोमीटर दूर है और टैक्सी का किराया लगभग आपको ₹100 लगेगा|
- यहां पहुंच कर आप अपनी तुंगनाथ की यात्रा शुरू कर दें तुंगनाथ की यात्रा 3.5 किलोमीटर है |
- तुंगनाथ की यात्रा के बाद आप चाहे तो आगे चंद्रशिला की यात्रा भी कर सकते हैं जो कि तुंगनाथ से डेढ़ किलोमीटर आगे हैं जिसको पूरा करने में आपको 2- 3 घंटे का समय लगेगा
- तुंगनाथ और चंद्रशिला की यात्रा के पश्चात वापसी चोपता में आ जाए और रात्रि चोपता में रुक सकते हैं यहां पर होटल आपको 1000 से ₹1500 में मिल जाएगा|
सातवाँ दिन :- चोथा पंचकेदार रुद्रनाथ की यात्रा की तैयारी ओर पहला पड़ाव
- सुबह-सुबह आप बस यह तुंगनाथ/चोपता से सागर गांव जो की गोपेश्वर से आगे है पहुचे जाए|
- चोपता से गोपेश्वर की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है ओर समय 5-6 घंटे , तो किराया बस का लगभग रु 100 तो शेयरिंग टैक्सी का रु 300 |
- गोपेश्वर से सगर गांव ओर फिर सगर गाँव से अपनी यात्रा शुरू करें और शाम तक पनार बुग्याल तक 10 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर वही पर रात्रि विश्राम करें|
- पञ्च केदारो में से रुद्रनाथ की यात्रा सबसे मुश्किल और लगभग 20 किलोमीटर की पैदल यात्रा है
- इस यात्रा को 1 दिन में पूरा करना संभव नहीं होता इसलिए यात्रा को आपको दो से तीन दिन में पूरा करना चाहिए
- सगर गांव से पुंग बुग्याल तक सामान्य चढ़ाई है और उसके बाद पुन बुग्याल से पन्नार बुग्याल तक तक खड़ी चढ़ाई है|
आठवा दिन :- रुद्रनाथ के दर्शन
- पुन्नर बुग्याल के बाद पित्तरधार तक खड़ी चढ़ाई है और उसके बाद रुद्रनाथ मंदिर के लिए ढलान वाला रास्ता है |
- इस दिन आप यात्रा कर 5 से 6 घंटे में रुद्रनाथ पहुचे जायगें ओर वापसी में किसी भी पड़ाव पर रुक सकते है |
- अधिकतर यात्री पुन्नार बुग्याल में रुकते है |
- आप भी पुन्नार बुग्याल में रुक सकते है |
नौवा दिन :- पाचवे पंचकेदार कल्पेश्वर धाम की यात्रा ओर दर्शन
- इस दिन सुबह-सुबह अपनी यात्रा शुरू कर सगर गाँव पहुंच जाए और फिर वहां से गोपेश्वर |
- गोपेश्वर से आप जोशीमठ की शेयरिंग टैक्सी पकड़ ले जो कि यहां से लगभग 70 किलोमीटर है और शेयरिंग टैक्सी का किराया लगभग ₹200 रहता है
- फिर जोशीमठ से उर्गम गाँव के लिए शेयरिंग टैक्सी पकड़ जो की जोशीमठ से 30 किलोमीटर दूरी पर है ओर यह पहुचेने में आपको 2 घंटे का समय लगेगा | शेयरिंग टैक्सी का किराया लगभग रु 100 रहता है |
- कुछ देर आराम करे ओर कुछ सीढ़ियां चढ़कर आप आसानी से कल्पेश्वर मंदिर पहुचे जायेंगे |
- पञ्च केदार में से कल्पेश्वर धाम साल के 12 महीने खुला रहता है ओर यहा आपको पैदल भी नहीं चलना पड़ता है |
- कल्पेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद आप उर्गम गाँव में रात्रि विश्राम करे |
- यहाँ पर आप होटल लेकर आराम करे होटल आपको रु 500 तक में मिल जायेगा
दसवा दिन :- पञ्च केदार यात्रा पूरी ओर आगे की तैयारी
- पञ्च केदार की यात्रा के बाद आप आगे बद्रीनाथ धाम भी जा सकते है |
- जोशीमठ से बद्रीनाथ की दूरी 45 किलोमीटर ओर समय 3-4 घंटे का समय लगता है
- यदि आप वापसी हरिद्वार यात्रा शुरू करते है तो , जोशीमठ से हरिद्वार की दूरी लगभग 270 किलोमीटर ओर समय 10 घंटे से 12 घंटे |
पंचकेदार की यात्रा कितने दिन में पूरी होती है?
पंचकेदार की यात्रा को पूरी करने के लिए आपको कम से कम 10 दिन का समय चाहिए आप अपनी सुविधा समय और बजट के अनुसार इस यात्रा को इससे अधिक दिन में भी पूरी कर सकते हैं हालांकि अधिकतर श्रद्धालु इस यात्रा को 10 से 11 दिन में पूरी करते हैं|
पंचकेदार की यात्रा में कितना खर्चा होता है?
पंचकेदार की यात्रा में होने वाला खर्च आपकी यात्रा की अवधि ,यात्रा की साधन, यात्रा के दौरान ठहरने वाले होटल पर निर्भर करती है , पंचकेदार की 10 दिन की साधारण यात्रा में प्रति व्यक्ति ₹10000 तक का खर्चा होता है|
- पंचकेदार की यात्रा बस के माध्यम से करने पर होने वाला खर्च:– यदि आप पंच केदार यात्रा हरिद्वार से लेकर हरिद्वार तक बस के माध्यम से करते हैं तो आपका खर्चा 10 दिन का प्रति व्यक्ति लगभग ₹10000 से ₹12000 तक रहता है|
- पंच केदार यात्रा शेयरिंग टैक्सी के माध्यम से करने पर होने वाला खर्च:– यदि आप पंचकेदार की यात्रा शेयरिंग टैक्सी के माध्यम से करते हैं तो आपका खर्चा लगभग 12000 से 15000 के बीच हो सकता है हालांकि यह यात्रा करने का सबसे अधिक प्रचलित और बढ़िया साधन है अधिकतर यात्री इसी माध्यम से पंचकेदार की यात्रा पूरी करते हैं|
- पंचकेदार की यात्राअपनी कर के माध्यम से करने पर होने वाला खर्च:– यदि आप अपनी गाड़ी से पंचकेदार की यात्रा करते हैं तो उसे पर होने वाला खर्च भी लगभग ₹12000 प्रति व्यक्ति तक रहता है क्योंकि इसमें आपको पेट्रोल का ही खर्च अलग से होता है बाकी आपका रहने और खाने का खर्चा लगभग वही रहता है|
- यात्रा पैकेज के माध्यम से यदि आप पंच केदार की यात्रा करते हैं तो इसमें भी लगभग 10 दिन का यात्रा पैकेज ₹40000 से से 45000 रुपए का रहता है| इस प्रकार यदि आप चार व्यक्ति हैं तो प्रति व्यक्ति ₹10000 से से ₹12000 का खर्चा रहता है जिसमे की रहने और खाने का खर्चा अलग से रहता है तो इस प्रकार यात्रा पैकेज के माध्यम से आपको पंचकेदार की यात्रा करने में लगभग प्रति व्यक्ति ₹15000 तक का खर्चा हो सकता है लेकिन इसमें आपको काफी सुविधा रहती है|
पंच केदार कहां-कहां है
पांच केंद्रों में से केदारनाथ तुंगनाथ और मध्यमेश्वर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है तो वही कल्पेश्वर और रुद्रनाथ उत्तराखंड के चमोली जिले में है| तुंगनाथ में भगवन शिव की भुजाओ की , मुख रुद्रनाथ में, नाभि मध्यमहेश्वर में, बाल कल्पेश्वर में और केदारनाथ में बैल के कूबड़ के रूप में पूजा की जाती है।
सबसे ऊंचा पंच केदार कौन सा है?
पंचकेदार में से सबसे ऊंचा पंच केदार तुंगनाथ है यह भगवान शिव का सबसे अधिक ऊंचाई स्थित मंदिर है जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 12083 फीट से है |
तुंगनाथ और केदारनाथ एक ही है?
नहीं, तुंगनाथ में भगवान शिव की भुजाओ की पूजा होती है और यह पंचकेदार में से तीसरा केदार है तो वही केदारनाथ पंचकेदार में से पहले केदार है|
केदारनाथ में शिव का शरीर का कौन सा अंग है?
केदारनाथ में भगवान् शिवे के बैल के कूबड़ के रूप में पूजा की जाती है ओर यहाँ भगवान शिव 12 ज्योतिर्लिंग में से 11वे ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हैं जो की सबसे अधिक ऊंचाई उपस्थित ज्योतिर्लिंगों में से एक है|
सबसे पहले किस पंच केदार के दर्शन करें?
पंचकेदार में से सबसे पहले केदारनाथ की यात्रा शुरू करनी चाहिए और उसके पश्चात मध्येम्हेश्वर, फिर तीसरे पंचकेदार तुंगनाथ , चोथे पंचकेदार रुद्रनाथ और अंत में पाचवे केदार कल्पेश्वर से अपनी यात्रा की समाप्ति करनी चाहिए|
चौथा केदार कौन सा है?
पंचकेदार में से चोथा केदार रुद्रनाथ है जो की 2,286 मीटर पर स्थित , भगवान शिव के उग्र स्वरूप (मुख/चेहरे) के स्वरुप में पूजा जाता है , इस पंचकेदार की यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है |
कल्पेश्वर में किसकी पूजा होती है?
कल्पेश्वर में भगवान् शिव के बालों यानि जटाओ की पूजा होती है जो की पंचकेदार में से पांचवा केदार है ओर साल भर खुला रहता है |
पंच केदार का निर्माण किसने करवाया था?
ऐसा माना जाता है की पंचकेदार का निर्मार्ण पांडवो द्वारा किया गया था ओर बाद में आदि संकराचार्य द्वारा इनका पुनरुत्थान किया गया था |
कल्पेश्वर कैसे पहुंचे?
पंचकेदार में से कल्पेश्वर एक ऐसा किरदार है जहां पर आप सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं जोशीमठ से आप 30 किलोमीटर की दूरी पर उर्गम गांव टैक्सी के माध्यम से पहुंच सकते हैं और फिर उर्गम गांव से कुछ सीढ़ियां चढ़कर आप आसानी से कल्पेश्वर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं|
कल्पेश्वर ट्रेक कितना लंबा है?
वर्तमान समय में कल्पेश्वर मंदिर के पास उर्गम गांव तक सड़क पहुंच गई है जो की जोशीमठ से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसलिए वर्तमान में कल्पेश्वर मंदिर के लिए अब पैदल के लिए कोई ट्रैक नहीं करना पड़ता और मात्र कुछ सीढ़ियां चढ़कर आप आसानी से कहीं कल्पेश्वर मंदिर पहुंच सकते हैं|
रुद्रप्रयाग में कितने पंच केदार हैं?
पंचकेदार में से केदानाथ , मध्माहेश्व्र्मंदिर ओर तुंगनाथ , यह तीन पंचकेदार रुद्रप्रयाग जिले में है |