भारत सरकार द्वारा उत्तरखंड के चारो धामों को रेल से जोड़ने के लिए वर्ष 2017 में एक सिंगल ब्रॉड गेज लाइन की लोकेशन सर्वे शुरू किया गया था |
इस चारधाम रेल परियोजना (char dham railway project) के तहत उत्तराखंड के चारो धामों को रेल मार्ग से जोड़ना है | इस चार धाम रेल परियोजना की कुल लंबाई 327 किमी होगी| इस चार धाम रेल परियोजना पर करीब 43 हजार करोड़ का खर्चा आने का अनुमान है।
इस चार धाम रेल प्रोजेक्ट के तहत कुल 21 नए स्टेशन बनेंगे और 61 सुरंगों और 59 पुलों का निर्माण होगा। चार धाम रेल परियोजना का कुल 279 किमी हिस्सा विभिन सुरंगों से होकर गुजरेगा।
इस चार धाम परियोजना के तहत गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम को रेल यातायात से जोड़ा जाएगा। इसके तहत पहली रेल लाइन के रूप में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग का निर्माण कार्य अंपने अंतिम चरण में है जो की 2025 तक पूरा हो सकता है | इस प्रकार चार धाम रेल परियोजना निर्माणाधीन ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेललाइन का विस्तार हैं।
हर साल लाखो की संख्या में तीर्थ यात्री इन चारो धामों की यात्रा करते है | इन चार धामों में सबसे पहला यमुना नदी का उदगम स्थान यमुनोत्री समुद्र की सतह से 3293 मीटर की ऊंचाई पर है। वहीं दूसरा धाम गंगा नदी का उदगम स्थल गंगोत्री धाम की समुद्र की सतह से ऊंचाई 3408 मीटर है। वही तीसरा और सबसे ` प्रसिद्ध धार्मिक स्थल और भीषण आपदा झेल चुका केदारनाथ धाम समुद्र की सतह से 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जबकि भागवान विष्णु को समर्पित बदरीनाथ धाम की ऊंचाई समुद्र ताल से उचाई 3133 मीटर है।
इतने ऊँचे स्थानों को रेल से जोड़ना एक कठिन कार्य है और इसके पहले चरण में ऋषिकेश -कर्णप्रयाग रेल लाइन के तहत बद्रीनाथ और केदारनाथ के पास रेल साधन सुलभ हो सकता है , जिसके शुरू होंने से 10 घंटे के यात्रा का समय घट घर मात्र 4 से 5 घंटे रह जायेगा |
यह होगे नजदीकी रेलवे स्टेशन चारो धामों के | Chardham Railway stations details
चारों धाम के नजदीक के मुख्य स्टेशनों के लिए बदरीनाथ के पास जोशीमठ को निर्धारित किया गया था मगर हाल के वर्षो में जोशीमठ में भयंकर भुखलन के कारण अब रेल का अंतिम स्टेशन जोशीमठ से पहली सैकोट ( saikot ) हो सकता है | तो वही केदारनाथ के लिए अंतिम रेलवे स्टेशन सोनप्रयाग होगा |
गंगोत्री के लिए अंतिम स्टेशन मनेरी हो सकता है , जो की अपने मनरी बांध परियोजना के लिए प्रसिद है तो यमुनोत्री के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन पलार हो सकता है |
चारधाम रेलवे के प्रस्तावित स्टेशन :-
रेलवे लाइन | मार्ग | लंबाई (किमी) | के स्टेशन | कवर किए गए धाम |
ए1. डोईवाला-देहरादून-उत्तरकाशी-मनेरी गंगोत्री | डोईवाला – मनेरी | 131 | 11 | गंगोत्री |
ए2. मनेरी – यमुनोत्री (A1 से प्रेरणा) | मनेरी – यमुनोत्री | 46 | 5 | यमुनोत्री |
बी1. कर्णप्रयाग-साईकोट-सोनप्रयाग केदारनाथ | कर्णप्रयाग – सोनप्रयाग | 99 | 7 | केदारनाथ |
बी2. सैकोट-जोशीमठ बद्रीनाथ (बी1 से प्रेरणा) | सैकोट – जोशीमठ | 75 | 4 | बद्रीनाथ |
चार धाम रेलवे परियोजना का रोड मैप | char dham railway project map
गंगोत्री के लिए प्रस्तावित रेल लाइन डोईवाला से शुरू होगी और उत्तरकाशी होते हुए 131 किमी की दूरी पर मनेरी तक जाएगी तो वही यमुनोत्री के लिए भी यही लाइन जाएगी |
केदारनाथ धाम जाने वाली प्रस्तावित रेल लाइन कर्णप्रयाग से होते हुए साईकोट पहुंचेगी और फिर आगे सोनप्रयाग तक अंतिम स्टेशन तो वही बदरीनाथ के लिए प्रस्तावित रेलवे लाइन केदारनाथ वाले लिंक के बीच साईकोट पर जाकर समाप्त होगी।
चार धाम रेलवे परियोजना की वर्तमान स्तिथि | char dham railway project completion date
- ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना का कार्य निर्माणाधीन है। 125 किलोमीटर लंबी लाइन का लगभग 70% काम पूरा हो चूका है । रेलवे विकास निगम लिमिटेड द्वारा 15 फरवरी, 2024 को दिए जानकारी के अनुसार कई स्थानों पर सुरंग बनाने का काम जारी है।
- कर्णप्रयाग-जोशीमठ लाइन (99 किमी) को पर्यावरणीय मंज़ूरी मिल गई है। हालाँकि, जोशीमठ की भुलखन की स्थित के कारण शायद अंतिम स्टेशन saikot तक ही हो सकता है |
- तो वही 92 किलोमीटर लंबी कर्णप्रयाग-सोनप्रयाग लाइन और डोईवाला-उत्तरकाशी लाइन जिसकी लम्बाई लगभग 102 किमी की रूट का अध्ययन क्रमशः मार्च 2023 और जनवरी 2024 तक पूरा हो गया था।
- दूसरी और उत्तरकाशी-बड़कोट लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट अभी लंबित है और यह लाइन लगभग 82 किलोमीटर लंबी होगी।
- चारधाम रेल परियोजना की कुल लागत लगभग 74,000 करोड़ रुपये है।
- चारधाम रेलवे परियोजना की सम्पूर्ण समय-सीमा अभी तक निश्चित नहीं की गई है।