चारधाम यात्रा टिप्स -2024

चारधाम यात्रा के लिए टिप्स | Important Tips for Chardham Yatra in Hindi

यदि इस साल आप भी उत्तराखंड के चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो यहां पर हम आपको चारधाम यात्रा टिप्स बताएंगे जिनके बाद आपकी चार धाम की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी हो सकेगी|


चारधाम यात्रा टिप्स : चारधाम यात्रा में रखे इन बातो का ध्यान

नीचे बताएंगे चारधाम यात्रा टिप्स का पालन कर आप आसानी से चारधाम यात्रा पूरी कर सकते:-


1.चारधाम यात्रा की पहले से तैयारी :-

  • चारधाम हर साल अप्रैल या मई में 6 महीने के लिए खुल जाते है , इसलिए आपको यदि चारधाम यात्रा करनी है तो मार्च से ही तैयारी कर लेनी चाहिए, जैसे
  • चारधाम यात्रा के लिए जाने के लिए बस , ट्रेन और रुकने के लिए होटल पहले से बुक करा सकते है |
  • चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है , इसलिए चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन ऑन्लाइन करा ले |
  • यदि यात्रा आपको घोड़े या पालकी से करनी है तो , इनका अनुमानित किराये की भी जानकारी पहले से ले |
  • यदि आपको मंदिरों में विशेष पूजा करनी है तो उसकी एडवांस बुकिंग करा ले और दर्शन का समय , मंदिर खुले और बंद होनी की जानकारी भी पहले से रख ले |

2. शारीरिक रूप से फिट रहें और यात्रा की मानसिक तयारी

  • उत्तराखंड के चार धामों में से केदारनाथ धाम की यात्रा सबसे कठिन है जो की 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा है|
  • यदि आप चार धाम यात्रा पैदल करने की योजना बना रहे हैं तो इसके लिए आपको शारीरिक रूप से केवल फिट होना जरूरी है बल्कि काफी ऊंचाई पर यात्रा करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से भी तैयार रहना होगा|
  • अपनी चार धाम की यात्रा से कुछ महीने पहले यानी कि कम से कम 6 महीने पहले पैदल चलना सीढ़ियां चढ़ना हल्का व्यायाम करना शुरू कर दिया|
  • अपने चार धाम यात्रा से पहले अपना शारीरिक परीक्षण अवश्य कर ले और किसी प्रकार की समस्या होने पर उसी के हिसाब से यात्रा की प्लानिंग करें|

3. केवल जरुरी सामन की पैकिंग

  • भले अब चारधाम की यात्रा किसी भी मौसम में कर रहे हो खासकर गर्मियों में लेकिन जब आप मैदानी इलाकों से पहाड़ी इलाको में जाते हैं तो मौसम एक दम से बदल जाता है|
  • इसके लिए जरूरी है कि आपको हमेशा अपने साथ गर्म कपड़े ,रेनकोट, वाटरप्रूफ जूते, दस्ताने बॉडी थर्मल , दवाइयां मोबाइल चार्ज और अन्य जरुरी सामान जिसकी लिस्ट हम पहले बता चुके हैं, अपने साथ ले जाने की तैयारी करनी है|
  • चार धाम यात्रा के लिए जरूरी सामान पैकिंग करते समय इस बात कभी ध्यान रखें की काफी जगह आपको यात्रा पैदल करनी है और कुछ जगह आपको अपना सामान होटल या क्लॉक रूम में रखना है इसीलिए केवल जो जरूरी सामान है वही रखें और जो सामान यात्रा मार्ग में थोड़ा बहुत खर्च करके लिया जा सकता है उससे बच्चे|
  • चार धाम यात्रा के लिए मजबूत बैग , बढ़िया जूते, अच्छा पावर बैंक मोबाइल चार्जिंग के लिए अति आवश्यक है|

4. ऊंचाई के लिए तैयार रहें

  • उत्तराखंड के चारों धाम लगभग समुद्र तल से लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई स्थिति इसलिए यात्रा के दौरान आपको थोड़ी बहुत ऑक्सीजन की समस्या हो सकती है, खासकर करोना के बाद बीमार व्यक्तिओ को |
  • जिन लोगों को सांस की समस्या है या ऊंचाई पर जाने पर कुछ समस्या रहती है जैसे सिर दर्द होना चक्कर आना आदि वह इस यात्रा को शुरू करने से पहले उसे समय ऊंचाई वाले स्थान पर बिताना चाहिए|
  • अपनी पैदल यात्रा बिल्कुल धीरे-धीरे शुरू कर छोटे-छोटे पड़ाव में यात्रा को पूरा करे और किसी भी प्रकार की समस्या होने पर मेडिकल सहायता ले |

5. स्थानीय संस्कृति का सम्मान करें

  • चार धाम के पवित्र यात्रा के दौरान आपको स्थानीय संस्क्रति के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए|
  • अपनी चार धाम की यात्रा के दौरान मंदिरों में शांति के साथ दर्शन करें स्थानीय लोगों के साथ नम्रता के साथ व्यवहार करें और उनकी परंपराओं का सम्मान करें|

6. स्थानीय गाइड या चारधाम यात्रा पैकज

  • चार धाम की यात्रा काफी कठिन यात्रा है केदारनाथ धाम की गौरीकुंड से पैदल यात्रा 18 किलोमीटर है , इसके अलावा यात्रा के पीक सीजन के दौरान रहने खाने पीने में काफी सारी समस्याएं रहती है|
  • इसलिए यदि आपका बजट है तो आप चार धाम यात्रा पैकेज ले जिसमें यात्रा करने की पूरी जिम्मेदारी पैकज देने वाली कंपनी की रहती है और आपकी यात्रा सफलतापूर्वक पूरी हो सकते है भले ही आपको थोड़े बहुत पैसे है अधिक खर्च करने पड़े|
  • इसके अलावा आप चारधाम यात्रा के सभी पडावो पर लोकल गाइड की सहायता ले सकते है जो की आपको मंदिर दर्शन , रहने , खाने और ठहरने का सारा इंतजाम करने में सहायता कर सकता है |
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7. मौसम की जानकारी :-

  • पहाड़ो में कब मौसम बदल जाय कहना मुश्किल है , यात्रा से पहले मौसम पूर्वानुमान अवश्य देख ले |
  • बरसात के समय यात्रा से हमेशा बचना चाहिए |
  • यात्रा के दौरान अतिरिक्त खाने पीने का सामान हमेशा अपने साथ रखे |
  • हो सके तो 10 साल से कम उम्र के बच्चोंको को यात्रा पर साथ न लेकर चले |

8. हेलीकाप्टर से यात्रा :-

  • यदि आप चारधाम यात्रा हेलीकाप्टर से करने की योजना बना रहे है तो , चारधाम पैकज सावधानी से चुने|
  • हो सके तो चारधाम पैकज कम्पनी से दपतर जाकर बुक कर सकते है |
  • चारधाम की यात्रा हेलीकाप्टर से करना काफी सुविधाजनक रहता है मगर थोडा महंगा भी रहता है |
  • चारधाम की हेलीकाप्टर से यात्रा करने पर , नजदीकी हेलीपैड से मंदिर तक की यात्रा आप पैदल , घोड़े या पालकी से भी कर सकते है |
  • चारधाम हेलीकाप्टर पैकज लेते समय सारी शर्तो को पहले से जान से और अतिरिक्त सुविधा के बारे में पहले से तय करे ले |

9. अपनी गाड़ी से यात्रा में अतिरिक्त सावधानी

  • आजकल अधिकतर लोग चारधाम यात्रा अपनी गाडी से करना पसंद करते है मगर इस बात का ध्यान रखे की पहाड़ो में गाड़ी चलाना मैदानी इलाको के मुकाबले काफी कठिन रहता है |
  • यात्रा के प्रत्येक धाम पर रुक कर और आराम कर आगे की यात्रा करे |
  • चारधाम की यात्रा बस , टैक्सी या अपनी गाडी से 10 से 12 दिनों में पूरी होती है |

10. यात्रा बीमा कराएं

  • यात्रा के दौरान किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए यात्रा बीमा कराना महत्वपूर्ण है|
  • यह चिकित्सा आपात स्थिति, सामान खोने या चोरी होने, यात्रा रद्द होने जैसी स्थितियों में वित्तीय सहायता प्रदान कर सकता है
  • अपनी यात्रा के लिए उपयुक्त बीमा योजना चुनें जो आपकी आवश्यकताओं को पूरा करती हो
  • आजकल काफी सारी बीमा कम्पनी ट्रेवल बीमा पालिसी देते है |

11. पीक सीजन से बचें

  • चार धाम यात्रा के लिए मई-जून और सितंबर-अक्टूबर पीक सीजन माना जाता है |
  • इन महीनों में मंदिरों में भारी भीड़ होती है, जिससे दर्शन करना मुश्किल हो सकता है|
  • साथ ही, यात्रा के साधन और होटल काफी महंगे होते है|
  • यदि संभव हो तो साल के अंत (अक्टूबर के शुरुआत/अंत) में यात्रा करने की योजना बनाएं, जब भीड़ कम होती है और मौसम सुहावना रहता है |

12. यात्रा के दौरान आवश्क दस्तावेज़ साथ रखें

  • चार धाम यात्रा के दौरान हमेशा अपने साथ एक वैध पहचान पत्र रखना महत्वपूर्ण है|
  • चारधाम के लिए पंजीकरण अनिवार्य है और पंजीकरण पर्ची हमेशा अपने साथ रखे |
  • किसी प्रकार की घटना होने पर अपने साथ आवश्क फ़ोन नंबर और अपना पता साथ रखे|

13. यात्रा की बुकिंग में ऑन्लाइन फ्रॉड से बचे

  • जब भी आप चारधाम की यात्रा की बुकिंग चाहे यात्रा पैकज , हेलीकाप्टर बुकिंग , होटल या गाडी बुकिंग करे हमेशा बड़ी और जानकर वेबसाइट से ही करे |
  • आप चाहे तो हरिद्वार या ऋषिकेश जाकर भी अपनी चारधाम की यात्रा की बुकिंग करा सकते है , यही से चारधाम की यात्रा शुरू और ख़त्म होती है |
  • यात्रा के मागे में एटीएम काफी कम होते है इसलिए हमेशा अपने साथ पर्याप्त नगदी ले कर चले |

14. पर्यावरण का ध्यान

  • पहाड़ी क्षेत्र पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होते हैं और यात्रा के दौरान प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें|
  • पहाड़ो पर चढ़ते समय पौधों को नुकसान न पहुंचाएं और प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने में मदद करें|
  • स्थानीय वनस्पतियों और जीवों का सम्मान करें और धार्मिक स्थलों और आसपास के क्षेत्रों को साफ रखें.

15. सकारात्मक दृष्टिकोण रखें

  • चार धाम यात्रा एक लंबी और थका देने वाली यात्रा हो सकती है लेकिन यह आध्यात्मिक विकास और आंतरिक शांति प्राप्त करने का एक अद्भुत अवसर भी है|
  • यात्रा के दौरान सकारात्मक दृष्टिकोण रखें और कठिनाइयों का सामना धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ करें|
  • यात्रा के हर पल का आनंद लेने की कोशिश करें और नए अनुभवों के लिए खुले रहें|
  • यह यात्रा आपको न केवल दर्शन का अवसर प्रदान करेगी बल्कि आपको जीवन के बारे में नए सिरे से सोचने और आत्मिक जागृति प्राप्त करने में भी मदद करेगी |

16. फोटोग्राफी

  • यात्रा के दौरान कैमरे और होम वीडियो कैमरे ले जाने की अनुमति है, लेकिन आमतौर पर मंदिरों के अंदर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं होती है|
  • मंदिर के आसपास और अन्दर फोटोग्राफी करने से पहले मंदिर के नियमो के अच्छी तरह से जान ले |

17.संचार

  • यदि आपके पास कोई BSNL मोबाइल नंबर है तो कृपया साथ ले जाएं, यह पूरी यात्रा में काम करता है |
  • केदारनाथ और बद्रीनाथ में रिलायंस मोबाइल नंबरों की कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है. हालाँकि, कि कभी-कभी कनेक्शन मिलना मुश्किल हो सकता है |
  • यात्रा के दौरान यदि एक से अधिक व्यकित है तो वह अलग अलग सिम लेकर चल सकते है |
  • यदि आप 4 से अधिक यात्री है तो टैक्सी बुकिंग या पैकज लेकर यात्रा कर सकते है |

चार धाम की यात्रा कहाँ से शुरू होती है?

उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा जिनको छोटा चार धाम भी कहते हैं ऋषिकेश से शुरू होती है जो की यमुनोत्री गंगोत्री केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर से होकर ऋषिकेश में ही खत्म हो जाती है|

4 धाम यात्रा में कितने दिन लगते हैं?

उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा में लगभग 9 से 10 दिन का समय लगता है यदि आप यात्रा आराम से और जगह जगह रुक कर करते है | अपनी गाड़ियां या मोटरसाइकिल से उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा को आप 6 से 7 दिन में भी पूरी कर सकते हैं|

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