यदि आप भी केदारनाथ की यात्रा के दौरान मां धारीदेवी के मंदिर के दर्शन की योजना बना रहे हैं तो आपको धारीदेवी से केदारनाथ की दूरी के बारे में जानकारी भी होनी चाहिए ताकि माँ धारीदेवी के दर्शन के पश्चात आप केदारनाथ धाम आसानी से पहुंच सके |
धारीदेवी मंदिर का रहस्य और महत्व
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित श्रीनगर के पास एक रहस्यमयी और चमत्कारी मंदिर है – धारी देवी का मंदिर | ये मंदिर न सिर्फ नदी के ऊपर बने खूबसूरत मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि माता की मूर्ति से जुड़े चमत्कार के लिए भी जाना जाता है| ऐसा माना जाता है कि यहां विराजमान माता धारी की प्रतिमा दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है| सुबह के समय ये मूर्ति एक कन्या के रूप में, दोपहर में युवती के रूप में और शाम को बूढ़ी महिला के रूप में दिखाई देती है|
यह अद्भुत घटना श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती है| इसके अलावा, धारी देवी को उत्तराखंड की रक्षक और चारधाम की सुरक्षा करने वाली देवी के रूप में भी पूजा जाता है | हर साल नवरात्रों में यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है और दूर-दूर से श्रद्धालु माता का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं|
धारीदेवी मंदिर तक कैसे पहुंचे?
धारी देवी का मंदिर श्रीनगर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप यहां पहुंचने के लिए कई रास्ते अपना सकते हैं:
- सड़क मार्ग: ऋषिकेश से श्रीनगर तक नियमित रूप से बसें चलती हैं| श्रीनगर पहुंचने के बाद आप टैक्सी या बस से धारीदेवी मंदिर तक जा सकते हैं| वही यदि आप रुद्रप्रयाग की बस से जाते है तो श्रीनगर के बाद 14 किलोमीटर पर रास्ते में आपको आसानी से धारी देवी मंदिर पर उत्तर सकते है | ये रास्ता ऋषिकेश से लगभग 3-4 घंटे का है, ओर ऋषिकेश से माँ धारीदेवी का मंदिर लगभग 124 किलोमीटर दूरी पर है |
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है. वहां से आप टैक्सी या बस द्वारा श्रीनगर पहुंच सकते हैं और फिर आगे धारी देवी मंदिर तक जा सकते हैं.
- धारी देवी मंदिर के लिए अलकनंदा नदी पर 1 किलीमीटर लम्बा रास्ता बना है | आप केदारनाथ बद्रीनाथ राजमार्ग से 2 किलोमीटर पैदल ढलान से निचे मंदिर तक जा सकते है |
धारीदेवी से केदारनाथ की दूरी:-
धारीदेवी से केदारनाथ की दूरी 115 किलोमीटर है जिसमे की गौरीकुंड से 18 किलोमीटर की पैदल दूरी भी शामिल है तो इस प्रकार धारी देवी से गोरी कुंड तक की कुल दूरी 97 किलोमीटर है, जिसको आप अपनी गाड़ी शेयरिंग जीप या बस के माध्यम से आसानी से दो से तीन घंटे में पूरी कर सकते हैं और उसके पश्चात गौरीकुंड से पैदल यात्रा करने में आपको 8 से 10 घंटे का समय लगेगा केदारनाथ धाम जाने तक|
माँ धारीदेवी का मंदिर केदारनाथ बदरीनाथ हाईवे के मार्ग पर पड़ता है इसलिए आप केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा पर जाते समय या वापसी करते समय कभी भी धारीदेवी के दर्शन कर सकते हैं |
मां धारीदेवी का मंदिर बद्रीनाथ केदारनाथ हाईवे से मात्र दो-तीन किलोमीटर की दूरी पर पैदल यात्रा पर है हालांकि आप बद्रीनाथ केदारनाथ हाईवे मार्ग से धारीदेवी के लिए सड़क का कार्य पूरा होने वाला है तो आप आसानी से तीन चार किलोमीटर की यात्रा को गाड़ी के माध्यम से भी पूरी कर सकते हैं|
धारीदेवी से केदारनाथ मार्गे में पड़ने वाले प्रमुख पड़ाव :-
श्रीनगर (14 किमी) >> माँ धारीदेवी मंदिर>> रुद्रप्रयाग (20 किमी) >> तिलवाड़ा (10 किमी)>> अगस्तमुनि (10 किमी)>> कुंड (16 किमी) >> गुप्तकाशी (5 किमी) >> फाटा (15 किमी) >> सोनप्रयाग (16 किमी) >>गौरीकुंड (5 किमी) >> 18 किलोमीटर गौरीकुंड से पैदल केदारनाथ धाम के लिए
धारीदेवी से केदारनाथ की दूरी चार्ट :
धारीदेवी से केदारनाथ कैसे जाएं?| Dharidevi to Kedarnath Distance
धारीदेवी से केदारनाथ की दूरी लगभग 115 किलीमीटर (dhari devi to kedarnath distance by road) है जिसमे गौरीकुंड से 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा भी शामिल है | धारीदेवी से केदारनाथ की दूरी तय करने के लिए आपको चारधाम सड़क मार्ग से रुद्रप्रयाग होकर केदारनाथ जाना होगा | माँ धारी देवी का मंदिर चार धाम यात्रा मार्ग पर ही स्थित है ,ओर अपनी केदारनाथ या बद्रीनाथ की यात्रा के दौरान कभी भी माँ धारी देवी के मंदिर के दर्शन आसानी से कर सकते है |
धारीदेवी से केदारनाथ की दूरी तय करने के दो तरीके हैं:
- पहला तरीका: सड़क और पैदल मार्ग
धारीदेवी से आप सड़क मार्ग द्वारा गौरीकुंड पहुंच सकते हैं | गौरीकुंड केदारनाथ का प्रवेश द्वार है और वहां से करीब 18 ( नया मार्ग से ) किलोमीटर की पैदल दूरी तय करके आप केदारनाथ धाम पहुंच सकते हैं | गौरीकुंड से केदारनाथ तक जाने के लिए घोड़े या पालकी की सुविधा भी उपलब्ध है |
धारीदेवी मंदिर से आप बस या शेयरिंग टैक्सी के माध्यम से रुद्रप्रयाग पहुंच सकते हैं और फिर रुद्रप्रयाग से आपको सोनप्रयाग तक के लिए काफी सारे साधन मिल जाएंगे| इसी प्रकार जब आप केदारनाथ या बद्रीनाथ से वापसी की यात्रा पर आ रहे हो तो आप रुद्रप्रयाग तक बस या टैक्सी से आ जाएं और फिर रुद्रप्रयाग से धारीदेवी के मंदिर तक आने के लिए आपको बहुत सारी प्राइवेट बसें और शेयरिंग टैक्सी मिल जाएंगे|
मां धारीदेवी के दर्शन करने के पश्चात आपको आगे श्रीनगर तक के लिए बस और टैक्सी मिल जाएगी और फिर श्रीनगर से उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें आपको दिल्ली, देहरादून, हरिद्वार के लिए आसानी से मिल जाती हैं |
इसके अलावा धारीदेवी मंदिर से आपको केदारनाथ के लिए और वापसी में ऋषिकेश जाने के लिए शेयरिंग टैक्सी और कब भी आसानी से मिल जाती है|
मां धारी देवी के मंदिर से लेकर केदारनाथ तक अर्थात सोनप्रयाग तक बस का किराया लगभग ₹200 है तो वही शेयरिंग टैक्सी के माध्यम से धारीदेवी मंदिर से लेकर सोनप्रयाग तक का किराया ₹300 है जो की यात्रा की सीजन के हिसाब से घटना और बढ़ता रहता है|
मां धारी देवी के मंदिर से केदारनाथ जाने के लिए सुबह के समय में आपको उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें आसानी से मिल जाती है तो वही दिन के समय हिमगिरी ट्रैवल या विश्वनाथ सेवा की प्राइवेट बसें आसानी से आपको मिल जाती है मगर यह थोड़ा समय लेती हैं|
धारीदेवी के मंदिर से केदारनाथ जाने के लिए सबसे बढ़िया साधन शेयरिंग टैक्स है जो की एक बारी सवारी पूरी होने पर आपको सीधा सोनप्रयाग तक पहुंचा देंगे|
हालांकि मां धारी देवी के मंदिर से केदारनाथ मंदिर जाने के लिए आप सबसे पहले धारीदेवी के मंदिर से जो भी साधन मिले बस या शेयरिंग टैक्सी उसे पड़कर रुदप्रयाग बाईपास आये और फिर रुद्रप्रयाग बाईपास से आपको सोनप्रयाग तक के लिए काफी सारे साधन मिल जाते हैं|
यदि आप केदारनाथ या बद्रीनाथ से वापसी के समय मां धारी देवी के दर्शन करना चाहते हैं तो उसके लिए आप मां धारी के दर्शन करने के पश्चात उसे आगे 14 किलोमीटर दूर श्रीनगर गढ़वाल में रात्रि आराम कर सकते हैं जहां पर आपको ठहरने के लिए बहुत सारे साधन उपलब्ध हो जाते हैं|
- दूसरा तरीका: हवाई मार्ग
मां धारी देवी के मंदिर से केदारनाथ के लिए वर्तमान में कोई हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है हालांकि आप देहरादून से श्रीनगर तक हवाई मार्ग से पहुंच सकते हैं|
वर्तमान समय में देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से आप उड़ान सेवा के तहत श्रीनगर तक आ सकते हैं जिसका किराया लगभग 4500 रुपए रहता है और जो 30 से 40 मिनट में आपको सिर्फ श्रीनगर हेलीपैड पर उतार देगा वहां से 14 किलोमीटर की दूरी पर आप वहां धारीदेवी के दर्शन कर सकते हैं|
मां धारी देवी के दर्शन करने के पश्चात आप आगे सड़क मार्ग से आसानी से केदारनाथ धाम पहुंच सकते हैं |
निष्कर्ष
इस प्रकार ऊपर बताए गए साधनों से धारीदेवी से केदारनाथ की दूरी आप शेयरिंग टैक्सी बस के माध्यम से आसानी से तय कर सकते हैं| धारीदेवी से केदारनाथ के पास सोनप्रयाग पहुंचने में आपको तीन से चार घंटे का समय लगेगा|
धारी देवी मंदिर किसने बनवाया था?
मंदिर से जुड़ी लोककथाओं और किंवदंतियों के अनुसार, यह मंदिर सदियों पुराना है और इसका निर्माण किसी एक व्यक्ति या राजा द्वारा नहीं, बल्कि धीरे-धीरे श्रद्धालुओं के सहयोग से हुआ था।
कुछ लोगों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने करवाया था, जबकि कुछ अन्य 11वीं शताब्दी के राजा बृहदरथ को इसका निर्माता मानते हैं।
यह भी कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था, जब गढ़वाल पर कत्यूरी राजवंश का शासन था।हालांकि, मंदिर के निर्माण का कोई ठोस ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
यह मंदिर सदियों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है और माता धारी देवी को उत्तराखंड की रक्षक और चारधाम की सुरक्षा करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।
धारीदेवी मंदिर किस जिले में है?
धारी देवी का मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी जिले में श्रीनगर से 14 किलोमीटर दूर अलकनंदा नदी के ऊपर स्थित है| अलकनंदा नदी के किनारे से 1 किलोमीटर पैदल रास्ता नदी के ऊपर से बना हुआ है जहां से आप आसानी से थारी देवी के मंदिर में पहुंच सकते हैं|