केदारनाथ यात्रा टिप्स -2024
यदि आप भी इस साल केदारनाथ धाम की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो हम यहां पर आपको कुछ केदारनाथ यात्रा टिप्स बताएंगे ताकि आपकी केदारधाम की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी हो | इस यात्रा के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना है क्या सामान साथ लेकर जाना है इस बारे में हम विस्तार से बताएंगे|

केदारनाथ धाम उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित, मंदिर मंदाकिनी नदी के किनारे बसा है | सामान्यतः केदारनाथ धाम की यात्रा हर साल मई में शुरू हो जाती है|
चार धाम राजमार्ग के निर्माण के पश्चात केदारनाथ की यात्रा करनी काफी सरल हो गई है | लेकिन फिर भी हर साल काफी श्रद्धालु इस यात्रा के दौरान अपनी जान गँवा रहे हैं, खासकर, कोरोनाकाल के बाद, अत अब यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए केदारधाम की यात्रा से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा|
हमारे बताए गए केदारनाथ यात्रा टिप्स को फॉलो कर आप अपनी यात्रा को सफलतापूर्वक पूरी कर सकते हैं , खासकर जब आप अपने परिवार के साथ यात्रा करने की योजना बना रहे हैं | चलिए हम जानें कि केदारनाथ की यात्रा में किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।
केदारनाथ यात्रा के दौरान रखें इन 15 बातों का ख्याल: केदारनाथ यात्रा टिप्स
1. उम्र की सीमा :-
- वैसे तो केदारनाथ यात्रा के दौरान उम्र की कोई सीमा नहीं है लेकिन यात्रा की कठिनाई को देखते हुए हमेशा सलाह दी जाती है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चे और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को इस यात्रा से बचना चाहिए|
- क्योंकि केदारनाथ यात्रा की पैदल यात्रा में 18 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई है ओर केदारनाथ मंदिर 3500 फीट की ऊंचाई पर है जहां एक समय के बाद ऑक्सीजन लेवल कुछ काम हो जाता है|
2. हलिकोप्टर सेवा से केदारनाथ की यात्रा :
- यदि आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा है, या पैदल यात्रा की बजाय हेलीकॉप्टर से यात्रा करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एडवांस में ही हेलीकॉप्टर की बुकिंग कर देनी चाहिए |
- केदारनाथ धाम के लिए आपको हेलीकॉप्टर किस प्रकार बुक करना है इसके बारे में है हम पहले ही विस्तार से से बता चुके हैं|
- केदारनाथ धाम के लिए आपको हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी फाटा या सिरसी जैसे हेलीपैड से आसानी से मिल जाएंगे जहां से हेलीकॉप्टर आपको केदारनाथ धाम 10 से 12 मिनट में पहुंचा देगा यह थोड़ा महंगा साधन है लेकिन सबसे आसान और प्रकृति नजरों को एक नए नजरिए से देखने का ही एक अलग-अलग अनुभव है|
3 पैदल चलने की प्रैक्टिस:-
- गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा 18 किलोमीटर की है ,कुछ समय बाद यह यात्रा एक बिलकुल खड़ी चढ़ाई में बदल जाती है और आपकी शारीरिक क्षमता की परीक्षा भी लेती है खासकर कोरोना के पश्चात इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए|
- यदि आपको पहाड़ों में ट्रैक करने का ज्यादा अनुभव नहीं है, तो इस यात्रा से 5 से 6 महीने पहले आपको पैदल चलने की प्रैक्टिस होनी चाहिए |
- कम से कम 2 से 3 किलोमीटर आप प्रतिदिन पैदल चलें और शारीरिक रूप से फिट होने पर ही इस यात्रा के लिए आगे बढ़े|

4. घोड़े, पालकी या दांडी से यात्रा:–
- इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के मन में एक सवाल यह भी रहता है मुझे घोड़े से या पालकी से यात्रा करनी चाहिए, हमारा अनुभव यह कहता है कि जब आप गौरीकुंड से यात्रा शुरू करते हैं पहले तीन चार किलोमीटर की यात्रा समतल है और आप जोश जोश में ही आगे बढ़ जाते हैं यह सोचते हुए कि मैं यह यात्रा पूरी कर लूंगा लेकिन भीमबली के बाद खड़ी चढ़ाई शुरू हो जाती है|
- और यहां पर अगर आप घोड़े या पालकी करेंगे तो घोड़े वाले आपसे ज्यादा पैसे वसूल करेंगे क्योंकि उन्हें पता है कि अब आप आगे नहीं जा सकते और आपके पास और कोई साधन नहीं है, इसीलिए हमेशा अगर आप पैदल यात्रा नहीं कर सकते घोड़े या पालकी गौरीकुंड से ही बुक कर लें|
5. सोनप्रयाग या गौरीकुंड कहां रुके:-
- जैसे हमने गौरीकुंड से केदारनाथ की यात्रा कैसे करें, इस बारे में पहले से ही विस्तार से बता दिया है केदारनाथ धाम की यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है और सामान्य सुबह के 4:00 बजे से ही लोग यात्रा की लाइन में लग जाते हैं|
- केदारनाथ पहुंचने के लिए सोनप्रयाग सड़क से जुड़ा हुआ अंतिम स्थान है जहां पर बस या अपनी गाड़ी से आप पहुंच सकते हैं उसके पश्चात आपको 5 किलोमीटर गौरीकुंड शेयरिंग टैक्सी से जाना होता है|
- यदि संभव हो सके तो रात्रि विश्राम गौरीकुंड में ही करें ताकि सुबह-सुबह आप केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू कर सकें|
6. केदारनाथ यात्रा में ठहरने की व्यवस्था:–
- यदि आप केदारनाथ यात्रा पहली बारी कर रहे हैं, तो आपको यह पता नहीं होगा की केदारनाथ की 18 किलोमीटर की चढ़ाई आप कितने समय में पूरी कर लेंगे हो, सकता है कि यात्रा में आपको कुछ परेशानी हो और आप बीच में ही कहीं रुक जाए |
- इसलिए यदि आप के केदारधाम में पहले से ही होटल बुक करते हैं, तो हो सकता है वहां पहुंचने में आपको टाइम लग जाये इसके लिए अलावा आपने किस लोकेशन पर होटल बुक कराया है उसको ढूंढने में भी आपको समय लग सकता है| इसीलिए केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान ठहरने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें;-
- गौरीकुंड या सोनप्रयाग में आप पहले से ही होटल बुक कर सकते हैं क्योंकि यहां पर आपको गाड़ी से पहुंचना है लेकिन यदि आप बारिश के समय यात्रा कर रहे हैं हो सकता है की रास्ता बंद हो या जाम लगा हो और आप होटल समय पर ना पहुंच पाए तो होटल वाला आपके पैसे वापस नहीं करेगा इसीलिए बरसात के समय एडवांस होटल से बचे |
- यात्रा की पीक सीजन मई -जून में केदारनाथ धाम में होटल मिलने में थोडा मुश्किल रहती है इसलिए यात्रा अक्टूबर नवंबर में करे सकते है , इस समय मौसम सुहाना रहता है ,भीड़ बहुत कम रहती है, होटल आसानी से मिल जाते हैं |
- यदि आप फिर भी पिक यात्रा सीजन मई -जून में जाते हैं तो आपको केदारनाथ में टेंट आसानी से मिल जाते हैं और इन टेंट में लगभग लगभग सभी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं|
7. गौरीकुंड से आगे की यात्रा :
- यदि आप सोनप्रयाग बस या अपनी गाडी से रात्रि के समय पहुंच रहे हैं तो यह उचित रहेगा कि आप रात्रि में सोनप्रयाग से गौरीकुंड की यात्रा न करें|
- यदि सोनप्रयाग समय पर पहुच गए है तो रात्रि में गौरीकुंड में रुके ओर गौरीकुंड से यात्रा सुबह के समय शुरू करें |
- पैदल यात्रा के दौरान साथ वाले यात्रियों के जोश को देखते हुए उनके साथ भागने या साथ-साथ चलने की कोशिश ना करें, यात्रा के दौरान हमेशा छोटे-छोटे पड़ावों को लक्ष्य बनाये , हर पड़ाव पर कुछ देर तक आराम करें अपनी पूरी यात्रा को छोटे-छोटे भागों में बांटे|

8. केदारनाथ यात्रा में कुल समय :-
- गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा को एक स्वस्थ व्यक्ति जिसको की पैदल चलने का अच्छा खासा अनुभव है अपनी यात्रा 9 से 10 घंटे में पूरी करता है|
- यदि आपको पैदल चलने का अनुभव नहीं है , या फिर पहली बार यात्रा कर रहे हैं या फिर आपके साथ छोटे बच्चे हैं या बड़े बुजुर्ग लोग हैं, तो यात्रा जल्दी से जल्दी पूरी करने की कोशिश में मत रहिए |
- यात्रा के दौरान प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लीजिए, सभी को साथ लेकर चलिए, सभी को रास्ते के कौन-कौन से मुख्य पड़ाव हैं उनके बारे में पहले से ही पूरी जानकारी दे दें, और इस पूरी यात्रा में कम से कम एक या दो पड़ाव ऐसे रखिए जहां पर परिवार के सभी सदस्य आपस में मिल सके, क्योंकि अधिकतर यात्रा के दौरान परिवार के कुछ सदस्य आगे निकल जाते हैं और कुछ सदस्य पीछे रह जाते हैं|
- यदि आपके साथ छोटे बच्चे हैं तो उनकी जेब में हमेशा अपना पता और मोबाइल नंबर की पर्ची अवश्य रखें|
9. यात्रा के दौरान जरूरी सामान:–
- केदारनाथ यात्रा के दौरान आपको कुछ जरूरी सामान हमेशा साथ लेकर चलना चाहिए क्योंकि यदि यात्रा शुरू करने से पहले आप यह सामान खरीदते हैं तो आपको क्वालिटी का नहीं मिलेगा और महंगा मिलेगा और हो सकता है की यात्रा की बीच के किसी पड़ाव में आपको इस सामान की जरूरत पड़े तो वहा यह समान आपको नहीं मिलेगा| केदारनाथ यात्रा के दौरान इन चीजों को हमेशा अपने साथ रखें:-
- ट्रेकिंग जूते या आरामदायक जूते: (Trekking shoes) गौरीकुंड से आगे की यात्रा खासकर बरसात में फिसलन भरी हो सकती है और चट्टानी भी हो सकती है, इसलिए ऐसे जूते चुनें जो टखनों को सहारा दें और अच्छे ट्रैक्शन वाले हों।
- गर्म कपड़े: (Warm clothes) ऊंचाई के कारण, मौसम ठंडा हो सकता है, भले ही आप गर्मियों में जा रहे हों। इसलिए गर्म इनरवियर, ऊनी कपड़े, और एक जैकेट साथ लाना ज़रूरी है।
- रेनकोट या छाता: (Raincoat);- केदरनाथ यात्रा के दौरान पहाड़ों में मौसम अप्रत्याशित हो सकता है, इसलिए बारिश से बचने के लिए रेनकोट या छाता साथ रखना हमेशा अच्छा होता है।
- पानी की बोतल: (Water bottle) गौरीकुंड से आगे की यात्रा के दौरान हाइड्रेटेड रहना ज़रूरी है, इसलिए अपनी खुद की बढ़िया पानी की बोतल साथ लाएं।
- टॉर्च: (Torch) रात में या अंधेरे वाले रास्तों पर केदारनाथ यात्रा के दौरान चलने के लिए टॉर्च ज़रूरी है। हेडलैंप लाना और भी बेहतर रहेगा क्योंकि यह आपके हाथों को खाली रखेगा।
- प्राथमिक चिकित्सा किट: (First aid kit) मामूली चोटों या परेशानियों के लिए प्राथमिक चिकित्सा किट साथ लाना हमेशा अच्छा होता है। इसके अलावा यदि आप किसी प्रकार की बीमारी से ग्रस्त हैं तो उसकी दवाई, पूरी मेडिकल प्रिसक्रिप्शन और क्या ट्रीटमेंट चल रहा है उसके कागज की फोटो कॉपी भी साथ लेकर चले|
- सूखा नाश्ता और स्नैक्स: (Dry fruits) केदारनाथ यात्रा के दौरान ऊर्जा बनाए रखने के लिए सूखे मेवे, चॉकलेट, और एनर्जी बार जैसे सूखे नाश्ते साथ ला सकते हैं।
- पहचान पत्र:- यात्रा के दौरान अपनी यात्रा रजिस्ट्रेशन पर्ची और अपना कोई पहचान पत्र साथ रखें ताकि इसी प्रकार की कोई सहायता की आवश्यकता हो तो इन कागजों से आपकी मदद की जा सके|
- पावर बैंक:- कभी-कभी पहाड़ों पर बिजली और मोबाइल नेटवर्क की समस्या रहती है इसीलिए मेरा अपने साथ पावर बैंक लेकर चलें और अगर आपके मोबाइल में ड्यूल सिम है, तो दो नेटवर्क की सुविधा वाला मोबाइल साथ लेकर चले|

10. यात्रा का सही समय:-
- केदारनाथ धाम की यात्रा मंदिर के कपाट खुलने की जो की सामान्यत अक्षय तृतीया पर खुलते हैं और दिवाली के समय बंद हो जाते हैं शुरू हो जाती है
- यात्रा के पहले दो महीना में बहुत भीड़ होती है, इसीलिए आपको हमेशा यात्रा अक्टूबर नवंबर में करने की सलाह दी जाती है |
- इस दौरान मौसम बहुत सुहाना आता है भीड़ बहुत कम होती है | होटल, घोड़े खच्चर आदि में भी कोई मारामारी नहीं होती है और यात्रा के सभी साधन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं, |
- यदि आप परिवार के साथ केदारनाथ यात्रा पर रहे हो तो बरसात के समय में आपको हमेशा यात्रा से बचना चाहिए इस दौरान रास्ते बहुत फिसलन वाले हो जाते हैं और पहाड़ों की गिरने का बहुत खतरा रहता है|
11. ठंड और बरसात का सामान:-
- केदारनाथ यात्रा के दौरान ठंड और बारिश कब बढ़ जाएगी कहना मुश्किल है इसीलिए इस यात्रा यात्रा के दौरान मौसम कैसा भी हो आपको अपने साथ हमेशा बारिश से बचाव और ठंड से बचाव के साधन साथ लेकर चलने चाहिए जिसमें हल्का रेनकोट और हल्का कंबल भी शामिल है|
- आप भले ही जून के समय केदारनाथ यात्रा करे उचाई पर ठण्ड हमेशा रहती है |
- अपने साथ यात्रा के दौरान केवल जरुरी सामान ही लेकर चले और बाकि सामान गौरीकुंड या सोनप्रयाग में लोकर में जमा करा दे |
- सोनप्रयाग में लोकर का किराया रु 50 छोटे बैग और रु 100 बड़े बैग का 24 घंट का रहता है |
12. यात्रा के दौरान सहायता:-
- केदारनाथ यात्रा के दौरान मार्ग में बीच-बीच में सरकार द्वारा कई प्रकार के सहायता केंद्र खोले गए हैं लेकिन फिर भी इस यात्रा के दौरान आपको हमेशा अपने साथ कुछ महत्वपूर्ण टेलीफोन नंबरों को अपने साथ लेकर चलना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होने पर आपको समय पर मिल सके|
- इसके अलावा आपको अकेले यात्रा करने से बचना चाहिए और साथ में काम से कम किसी एक व्यक्ति को लेकर यात्रा करें ताकि आपकी यात्रा सुख में और आरामदायक हो सके|
13. रात में यात्रा करना:-
- अधिकतर श्रद्धालुओं का यह मन रहता है कि जैसे ही यात्रा के द्वार खुले वह रात में भी पैदल करने को तैयार रहते हैं |
- केदारनाथ यात्रा के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें की 18 किलोमीटर की चढ़ाई बड़ी ही दुर्गम चढ़ाई है |
- इस रास्ते में जंगली जानवरों का भी खतरा रहता है, प्राकृतिक आपदा का भी खतरा रहता है |
- आपके साथ किसी प्रकार की कोई दुर्घटना होने पर रात्रि के समय आपको कोई सुविधा नहीं मिलेगी ,इसीलिए केदारनाथ यात्रा कभी भी रात्रि में ना करें आपको अगर रास्ते में कहीं रात्रि हो जाती है तो वहीं पर ही टेंट या कोई होटल लेकर रुक जाएं और सुबह होने की प्रतीक्षा करें, सुबह के समय ही अपनी यात्रा शुरू करें|
14. यात्रा का बजट और समय:-
- अगर केदारनाथ यात्रा की बजट की बात करें तो अपने शहर से केदारनाथ धाम तक तक आना और जाना बस के माध्यम से, यात्रा के दौरान होटल में ठहरना, खाना और पीना, यह सब मिलकर एक व्यक्ति का खर्चा ₹10000 से लेकर ₹15000 तक हो सकता है|
- यदि हम दिन की बात करें तो अपने शहर से लेकर केदारनाथ यात्रा और वापसी मैं आपको 4 से 5 दिन कम से कम चाहिए|
15. बाबा के दर्शन और आसपास की यात्रा:
- केदारनाथ यात्रा के दौरान भोलेनाथ के दर्शन के लिए सुबह-सुबह ही बहुत लंबी लंबी लाइन लग जाती है अगर आप यात्रा के शुरुआती समय में जा रहे हैं तो आपके दर्शन करने में 5 से 6 घंटे लग सकते हैं |
- भोलेनाथ के दर्शन करने के बाद आप आसपास में भैरवनाथ मंदिर, शंकराचार्य समाधि में जा सकते हैं|
- यदि आप उस दिन केदारनाथ में ही रुकते हैं तो आप बसुकी ताल भी जा सकते हैं, मगर बासुकी ताल में भी खड़ी चढ़ाई है और यहां पर बगैर गाइड के न जाएं क्योंकि कोहरा होने पर आपके भड़काने की पूरी संभावना है|
केदारनाथ जाने से पहले क्या करना चाहिए?
केदारनाथ यात्रा जाने से पहले पैदल चलने की खूब प्रेक्टिस करें, यात्रा के दौरान जिस सामान की जरूरत है वह सारा सामान इकट्ठा कर ले, यात्रा के दौरान पूरे मैप की या कौन-कौन से पड़ाव आएंगे उसकी पूरी जानकारी ले लें, इस बारे में यूट्यूब पर कुछ वीडियो देख ले, अपने स्वास्थ्य की पूरी तरह से जांच करवा लें, और यात्रा में बिल्कुल भी भाग दौड़ ना करें और शांति के साथ अपनी यात्रा पूरी करें|
केदारनाथ की चढ़ाई कितने घंटे की है?
एक सामान्य व्यक्ति को केदारनाथ की चढाई में लगभग 8 से 10 घंटे का समय लगेगा और अगर आप घोड़े से जाते हैं तो घोडा आपको 5 से 6 घंटे में पहुंचा देंगे , हलिकोप्टर की बात करे तो हली पेड से 10 मिनट का समय लगेगा |
केदारनाथ यात्रा में कितना खर्च आता है?
केदारनाथ यात्रा के दौरान पूरा खर्चा 4 से 5 दिन का रु8000 से रु 12000 तक का खर्चा आ सकता है|
क्या हम बिना रजिस्ट्रेशन के केदारनाथ जा सकते हैं?
नहीं क्या केदारनाथ यात्रा के लिए आपको रजिस्ट्रेशन करना करना होगा यह रजिस्ट्रेशन आप उत्तराखंड की वेबसाइट से करा सकते है जिसका लिंक है https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/.
क्या केदारनाथ के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी है?
नहीं , अभी केदारनाथ जाने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरुरी नहीं है , हालाँकि यदि आपका पहले कोई ट्रीटमेंट चल रहा है या आपकी उम्र 50 साल से अधिक है तो आप केदारनाथ यात्रा पर चिकित्सा सलाह लेकर ही जाए | इसके अलावा अपने साथ कुछ आवश्यक दवाईयों भी लेकर चले |
केदारनाथ में होटल का किराया कितना है?
केदारनाथ में एक रात का होटल का किराया 1000 से लेकर 5000 के बीच रहता है हालांकि आप गढ़वाल विकास मंडल के टेंट में भी रख सकते हैं जिनका किराया ₹500 से शुरू होता है इसके अलावा केदारनाथ में काफी सारी धर्मशालाएं भी हैं जो कि आपको रु 500 से लेकर ₹1500 तक प्रति व्यक्ति प्रति रात्रि के लिए आसानी से उपलब्ध हो जाएगी
केदारनाथ कब से कब तक खुला रहता है?
केदारनाथ मंदिर के कपाट समानताय हर साल अक्षय तृतीय के दिन खुलते है ओर दिवाली के बाद बंद होते है , केदारनाथ यात्रा लगभग 6 महीने साल में चलती है |
पहले केदारनाथ जाना चाहिए या बद्रीनाथ?
ऐसी मान्यता है कि आपको अपनी यात्रा यमुनोत्री धाम से शुरू कर के फिर गंगोत्री धाम उसके बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ की यात्रा से समाप्त करनी चाहिए | हालांकि यदि आप केवल दो धाम की यात्रा करते हैं तो आप पहले केदारनाथ जाकर फिर बद्रीनाथ की यात्रा कर सकते हैं|
बद्रीनाथ या केदारनाथ कौन सा कठिन है?
केदारनाथ धाम की यात्रा 18 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई बादपूरी होती है तो वहीं बद्रीनाथ की यात्रा सरल हैऔर रास्ता सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है केवल कुछ किलोमीटर की दूरी चलकर आप आसानी से बद्रीनाथ पहुंच सकते हैं |