केदारनाथ यात्रा के बारे में 18 टिप्स -यात्रा से पहले जाने


केदारनाथ यात्रा के बारे में 18 टिप्स


अगर आप भी इस साल बाबा केदारनाथ के दर्शन की योजना बना रहे हैं तो हम यहां आपको केदारनाथ यात्रा के बारे में 18 टिप्स बताएँगे ताकि आपकी केदारनाथ सफलता और शांतिपूर्वक पूर्ण हो सके, तो चलिए जानते हैं इन 18 प्रश्नों को एक-एक करके जानते है ओर आगे बढते केदार बाबा के धाम के ओर :-

केदारनाथ यात्रा के बारे में 18 टिप्स ओर केदानाथ धाम  फोटो

केदारनाथ धाम के कपाट 2024 में कब खुलेंगे ?

केदारनाथ मंदिर के कपाट आमतौर पर हर साल अक्षय तृतीया के अवसर पर खुलते हैं| हर साल केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीखों का ऐलान महाशिवरात्रि के दिन किया जाता है इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को है और उसी दिन भगवान श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीखों का ऐलान किया गया है जिसके अनुसार केदारनाथ मंदिर के कपाट भक्तो के लिए 10 मई 2024 को खोले जायेंगे ओर वहीं दूसरी ओर श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई 2024 को खुलेंगे|

  • केदारनाथ धाम खोलने की तारीख: 10 मई 2024

1. केदारनाथ धाम में महादेव को छूकर या स्पर्श कर दर्शन कैसे करें?

यदि आप 500 किलोमीटर की लंबी यात्रा और उसके बाद 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर  3,583 m की उचाई पर भगवान श्री केदारनाथ के धाम में पहुंच जाते हैं तो आपके मन में सबसे पहले सवाल ही आता है की केदारनाथ धाम में महादेव के दर्शन आपको किस प्रकार होंगे, आम भक्तों के लिए सुबह के समय 6:00 से लेकर 8:00 तक के लिए भोलेनाथ के दर्शन का समय होता है |

इसके लिए भक्तजन सुबह 4:00 बजे से ही लाइन में लग जाते हैं| अब आप इतनी लंबी यात्रा के बाद केदारनाथ में जाते हैं तो भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए कुछ तो कष्ट आपको उठाना पड़ेगा इसीलिए आप सुबह-सुबह ही लाइन में लग जाए और भगवान भोले की कृपा होगी तो सुबह 6: 00 बजे से 8:00 बजे के दौरान आपको भोलेबाबा के दर्शन अवश्य हो जाएंगे|

  • स्पर्श दर्शन:  सुबह 6:00 बजे से 8: 00 बजे तक |
  • नियमित दर्शन: दर्शन लाइन में खड़े होकर दर्शन करें।

2. केदारनाथ जाने का सही समय क्या है?

जब आप भगवान श्री केदारनाथ की यात्रा करने की योजना बनाते हैं तो आपके मन में सबसे पहला सवाल यही आता है कि आपको यह यात्रा किस समय करनी चाहिए | हम आपको बता दें कि जैसे ही अप्रैल या मई में केदार धाम के कपाट खुलते हैं तो भक्तजनों की टोली केदार धाम की तरफ चल पड़ती है |


इसीलिए मई से लेकर जून तक इस यात्रा में सबसे अधिक भीड़ होती है लेकिन साथ ही साथ इस दौरान मौसम सबसे सुहाना रहता है और आप आसानी से यात्रा कर सकते हैं इसके पश्चात जुलाई अगस्त सितंबर में केदारनाथ धाम और उसके आसपास के इलाकों में भयंकर बारिश, पहाड़ गिरना और अन्य प्राकृतिक आपदाएं आती रहती |

इसीलिए केदारनाथ धाम के दर्शन का सबसे उत्तम समय अक्टूबर और नवंबर में रहता है इस समय मौसम ना तो बहुत ज्यादा गर्म रहता है और नहीं बहुत सर्द , भीड़ भी बहुत कम रहती है और आपके होटल, घोड़े, खच्चर, आराम से मिल जाते हैं तो यह केदारनाथ यात्रा समय सबसे उत्तम रहता है

  • मई-जून: मौसम सुहावना, कम भीड़
  • सितंबर-अक्टूबर: मौसम सुहावना, कम भीड़
  • अप्रैल और नवंबर: सर्द मौसम, भीड़भाड़

3.केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा कहां से शुरू होगी और कितने किलोमीटर की है?

आपके मन में अगला सवाल आ रहा होगा कि केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा कहां से शुरू होगी ओर यह यात्रा कितने किलोमीटर की है | आपको हो सके तो रात्रि में गौरीकुंड में होटल बुक करके आराम करना चाहिए |

केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है और यह यात्रा गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक लगभग 18 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई वाली पैदल यात्रा है|


4. केदारनाथ मंदिर धाम की चढ़ाई कितने घंटे की है?

केदारनाथ धाम की चढ़ाई करने से पहले आपके मन में यह सवाल भी आता होगा कि सोनप्रयाग से केदारनाथ तक जाने के लिए कुल कितना समय लगेगा, गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक जाने के लिए एक आम आदमी के लिए जिसको अच्छा खासा पैदल चलने का अनुभव है और कभी-कभी दौड़ भी लेता है उसको भी 10 से 12 घंटे लगते हैं|

कोरोना कल के बाद इस यात्रा के दौरान आपको और भी सावधानी रखनी चाहिए और अन्य लोगों के साथ जोश में ना आकर आराम -आराम से छोटे-छोटे पड़ाव लेकर 10 से 12 घंटे में अपनी यात्रा पूरी करनी चाहिए | यदि आपके साथ आपका परिवार है या कोई बुजुर्ग व्यक्ति है तो इस यात्रा में आपको 12 से 14 घंटे भी लगा सकते हैं|

वहीं बरसात के समय में यात्रा और कठिन हो जाती है| इसीलिए आपको हमेशा गौरीकुंड से यात्रा सुबह 4:00 से शुरू करनी चाहिए ताकि आप शाम तक आराम से केदारनाथ धाम तक पहुंच सके और हो सके तो शाम की आरती में शामिल हो जाए |

रात्रि में केदारनाथ में विश्राम करें और अगले दिन सुबह-सुबह भोलेनाथ के दर्शन कर वापसी का प्रोग्राम बनाएं | इस पूरी यात्रा के दौरान छोटे-छोटे पड़ाव लेकर आगे बढ़े और अपने स्वस्थ का भी ध्यान रखें |

  • गौरीकुंड से: 16-18 किलोमीटर, 14-16 घंटे
  • सोनप्रयाग से: 22 किलोमीटर, 16-18 घंटे
Kedarnath track during winter snow


5. केदारनाथ जाने के लिए एक व्यक्ति का पैसा कितना लगता है?

यात्रा के दौरान मुझे कुल कितना खर्चा करना पड़ेगा या इस यात्रा में मेरा कुल कितना खर्चा होगा | अगर हम एक व्यक्ति खर्च की बात करें तो दिल्ली से सोनप्रयाग तक आप अगर बस के माध्यम से जा रहे हैं तो हजार रुपए तक आपका बस का किराया लग सकता है |

वही आप ऋषिकेश या हरिद्वार से बस के अलावा शेयरिंग टैक्सी से जा रहे हैं तो भी आपको सोनप्रयाग तक पहुंचने में ₹1000 से ₹1500 तक खर्च आ सकता है | इसके बाद अगर आप सोनप्रयाग या गौरीकुंड मैं रुकते हैं तो यहां पर भी आपको हजार से ₹2000 तक होटल और खाने-पीने का खर्चा आ सकता है | इसके पश्चात केदारनाथ की यात्रा में आपको आने और जाने में केदारनाथ धाम में रात को रुकने में ₹5000 से ₹6000 तक का खर्चा आ सकता है |

केदानाथ यात्रा के दौरान हमेशा कुछ पैसे अपने साथ एक्स्ट्रा लेकर चलें क्योंकि इस दौरान यदि आपके साथ कोई दुर्घटना होती है या आपको किसी प्रकार से केदारनाथ धाम में रुकना पड़ सकता है तो यह पैसे आपके काम आएंगे |

कुल मिलाकर केदारनाथ यात्रा में आपकी एक व्यक्ति का बजट ₹10000 तक लेकर चल सकते हैं | वही इस यात्रा के दौरान अगर आप घोड़ा या खच्चर करते हैं तो तीन से ₹4000 और एक्स्ट्रा खर्च लेकर चल सकते हैं |

  • यात्रा का तरीका: पैदल, हेलीकॉप्टर, पालकी, घोड़ा
  • अन्य खर्च: भोजन, आवास, पंजीकरण

6. केदारनाथ अकेले जा सकते हैं क्या?

हां: अकेले यात्रा करना संभव है, लेकिन अनुभवी लोगों के साथ जाना बेहतर है। केदारनाथ की यात्रा अकेले करें या किसी के साथ करें यदि आपको यात्रा का पहले से अनुभव है ओर आप पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं तो आपअकेले ही यात्रा कर सकते हैं लेकिन हमारी सलाह हमेशा यही रहेगी कि आप इस यात्रा के दौरान किसी न किसी व्यक्ति को साथ लेकर चले क्योंकि इस दौरान दो व्यक्तियों के रहने से आपको कई सारी सुविधा रहती हैं |

इसके अलावा यदि मार्ग में आपको कुछ परेशानी या समस्या होती है तो वह व्यक्ति आसानी से आपकी मदद कर सकता है यदि फिर भी आप इस यात्रा अकेले करते हैं तो अपने साथ हमेशा अपना आधार कार्ड, पहचान पत्र, मोबाइल नंबर नोट करके अपनी जेब / पर्स में रखें ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर लोग आपके परिवार के सदस्यों से संपर्क कर सके|

Kedarnath yatra view


7. केदारनाथ में घोड़े, पालकी और पिट्ठू का किराया कितना है ओर क्या आपको घोड़ा लेना चाहिए ?

केदारनाथ धाम की यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है और जब आप पहली बार यात्रा करते हैं तो भक्तजनों की टोली जोश में चल पड़ती है और आप भी जोश जोश में आगे बढ़ते हैं | इस दौरान पहले चार से पांच किलोमीटर की यात्रा लगभग सीधी और समतल रहती है लेकिन उसके पश्चात यह यात्रा बिलकुल खड़ी चढ़ाई वाली हो जाती है |

एक समय के पश्चात आपको लगता है कि अब इतनी खड़ी चढ़ाई आपके लिए चढ़ना बहुत मुश्किल है तो अब आपको घोड़ा या खच्चर की आवश्यकता होगी, तो यहां पर आपको जो घोड़ा का किराया यात्रा के शुरू में अर्थात गौरीकुंड में 2000 से ₹3000 में मिल रहा था यहां आकर आपको ₹3500 से ₹ 4500 में मिल सकता है क्योंकि घोड़े वालों को भी पता है कि अब आप थक गए और आगे घोड़े की बिना नहीं जा सकते |

इसीलिए अगर आपको यह यात्रा घोड़े से करनी है तो यात्रा की शुरू में ही आपको घोड़े से बुकिंग करके यात्रा शुरू कर लेनी चाहिए | इसके अलावा इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि यदि आपको लगता है कि आप 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा जिसमें से की लगभग 80% यात्रा बिलकुल खड़ी चढ़ाई की है पैदल नहीं कर सकते तो आप घोड़े से यात्रा न करके हमेशा हेलीकॉप्टर से यात्रा का प्लान बनाएं क्योंकि घोड़े से यात्रा करना थोड़ा रिस्की की रहता है अगर आपका वजन खास कर अधिक है तो |


केदारनाथ के लिए आप किस प्रकार हेलीकॉप्टर बुक कर सकते हैं और उसके लिए कितना किराया है यह हम आपको पहले ही बता चुके हैं इसके अलावा आप किस प्रकार केदारनाथ की हेलीकॉप्टर की यात्रा के बुकिंग कर सकते हैं इसके बारे में भी हम आपको केदारनाथ की हेलीकॉप्टर की यात्रा 21 टिप्स बता चुके हैं

  • घोड़ा: ₹ 3,000 – ₹ 5,000
  • पालकी: ₹ 7,000 – ₹ 8,000
  • पिट्ठू: ₹ 4,000 – ₹ 5,000

8. केदारनाथ में होटल एडवांस में बुक करें या फिर वहां जाकर ऑफलाइन होटल लें?



केदारनाथ धाम में रुकने के लिए होटल एडवांस में ऑनलाइन बुक करें या वहां जाकर ऑफलाइन में होटल बुक करें तो इस बारे में हमारा मानना यही है कि यदि आप पहली बार केदारनाथ यात्रा कर रहे हैं तो आपको यह बिल्कुल भी अंदाजा नहीं होता कि जो ऑनलाइन होटल अपने बुक करा है उसकी लोकेशन क्या है |

आप इस तरह यात्रा के दौरान ऑनलाइन बुक किये गए होटल में समय पर पहुंच भी पाओगे या नहीं पहुंच पाओगे | केदारनाथ धाम की यात्रा 18 किलोमीटर की है जिसको पूरा करने में आपको 12 से 14 घंटे तक लग सकते हैं और यदि बीच में आप थक गए या आपको कोई समस्या होगी तो आपको रात को रास्ते में भी रुकना पड़ सकता है इसलिए यह संभावना कम है कि आप ऑनलाइन बुक करें होटल में पहुंचे पाए |

होटल में न पहुंचने पर आपको रिफंड भी नहीं मिलेगा इसीलिए हमेशा आप केदारनाथ धाम पहुंचकर होटल बुक करें वहां पर आराम से आपको होटल मिल जाते हैं |

यदि होटल नहीं मिलते हैं तो आप वहां पर टेंट भी ले सकते हैं जो कि ₹1000 से ₹2000 में आपको आराम से मिल जाते हैं और जिसमें सारी सुविधाएं होती हैं |

  • सीजन में: एडवांस बुकिंग बेहतर है, क्योंकि होटल जल्दी भर जाते हैं।
  • ऑफ सीजन: वहां जाकर ऑफलाइन होटल भी मिल सकते हैं।

9. केदारनाथ पैदल यात्रा ट्रैक करके हमें जाना चाहिए या फिर हमें हेलीकॉप्टर के से जाना चाहिए?

हमें केदारनाथ की यात्रा पैदल ट्रैक करनी चाहिए या हेलीकाप्टर से करनी चाहिए तो इसका स्पष्ट उत्तर है कि यदि आपको पैदल चलने की बिल्कुल भी आदत नहीं है ओर आपकी उम्र 50 से अधिक है तो आपको केदारनाथ हेलीकॉप्टर की यात्रा के बारे में सोचना चाहिए |

हेलीकॉप्टर में आने और जाने का खर्चा लगभग ₹5000 रहता है यदि आप अभी जवान है और आप पैदल चलना चाहते है स्वस्थ हैं ,तो फिर आप भगवान भोलेनाथ की यात्रा पैदल ही करके जा सकते हैं | इस पावन पैदल यात्रा के दौरान प्राकृतिक सौंदर्य आपके मन मोह लेंगे और यह यात्रा आपको एक जीवन का अलग ही अनुभव प्रदान करेगी |

लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपको पैदल चलने का अनुभव हो और आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हो | इसके अलावा यदि आप ₹5000 खर्च कर हेलीकॉप्टर की यात्रा करते हैं तो हमेशा एक दिन हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे पूरे ,दिन भर केदारनाथ में घूमनेओर भोलेनाथ के अच्छे दर्शन करें , रात्रि आरती का आनंद ले और उसके पश्चात अगले दिन हेलीकॉप्टर से आप वापस आए |

  • हेलीकॉप्टर: कम समय, सुविधाजनक, महंगा
  • पैदल यात्रा: अनुभवी लोगों के लिए, धार्मिक और प्राकृतिक अनुभव


10. केदारनाथ की यात्रा के लिए कितने दिन की छुट्टी लेनी चाहिए?

केदारनाथ यात्रा के लिए मुझे कितने दिन की छुट्टी लेनी चाहिए या मुझे इस यात्रा में कुल कितने दिन लगेंगे |

अगर आप दिल्ली से यात्रा करते हैं तो एक दिन आपको दिल्ली से सोनप्रयाग पहुंचने में लगेगा| उस दिन आप रात्रि सोनप्रयाग या गौरीकुंड में विश्राम करेंगे, दुसरे दिन सुबह 4:00 बजे केदारनाथ यात्रा के लिए चढ़ाई शुरू कर देंगे और शाम तक केदारनाथ पहुंचे कर रात्रि आराम करेंगे |

तीसरे दिन सुबह-सुबह 4 बजे उठकर बाबा केदारनाथ के दर्शन कर उसी दिन वापसी की यात्रा शुरू करेंगे और शाम तक सोनप्रयाग पहुंचेंगे और सोनप्रयाग में रात्रि आराम करेंगे |

चोथे दिन सुबह सोनप्रयाग से अपनी वापसी की यात्रा ऋषिकेश या दिल्ली या अपने शहर के लिए शुरू करेंगे | तो इस प्रकार यदि आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं और अकेले ही केदारनाथ यात्रा पर जाते हैं तो आपको कम से कम 4 से 5 दिन की छुट्टी लेनी पड़ेगी |

यदि आप अपने परिवार के साथ केदारनाथ की यात्रा पर जा रहे हैं तो आपको 6 से 7 दिन का समय लग सकता है वहीं अगर आप हेलीकॉप्टर से यात्रा कर रहे हैं तो एक दिन आपको सिरसी ,फटा या गुप्तकाशी हेलीपैड के पास की जगह पर पहुंचना होगा और अगले दिन सुबह हेलीकॉप्टर से केदारनाथ यात्रा कर उसी दिन वह वापसी यात्रा कर अपने घर पहुंच सकते हैं इस प्रकार हेलीकॉप्टर की यात्रा के लिए आपको कम से कम तीन से चार दिन का समय चाहिए |

  • पैदल यात्रा: 7-10 दिन
  • हेलीकॉप्टर यात्रा: 3-4 दिन

11. हरिद्वार से केदारनाथ (Haridwar to Kedarnath how to reach) तक कैसे जाएं?


हरिद्वार से केदारनाथ कैसे जाएं, तो हरिद्वार से केदारनाथ जाने का सबसे सस्ता तरीका बस के माध्यम से है | आपको अपने शहर से ट्रेन के माध्यम से सुबह-सुबह हरिद्वार पहुंचाना क्योंकि हरिद्वार में सोनप्रयाग के लिए बस सुबह 5:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक ही मिलती है | यात्रा सीजन में कुछ बसे 10:00 बजे तक ही मिलती हैं,|

इसका कारण यह है कि हरिद्वार या ऋषिकेश से आपको सोनप्रयाग बस के माध्यम से पहुंचने में कम से कम 10 से 12 घंटे लगते हैं इसीलिए सुबह-सुबह बस चलती है ताकि वह शाम तक आपको सोनप्रयाग पहुंचा दें|

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शाम के समय या रात के समय कोई भी बस हरिद्वार ऋषिकेश से सोनप्रयाग के लिए नहीं चलती है बस केवल सुबह के समय चलती है इसीलिए आपको सुबह-सुबह ही ऋषिकेश हरिद्वार से सोनप्रयाग के लिए बस मिलेगी |

बस का किराया ₹500 से लेकर 1000 रुपए के बीच में है | उत्तराखंड परिवार निगम के अलावा हिमगिरी गढ़वाल मंडल और अन्य प्राइवेट पैसे भी आपको मिल जाती है|

  • बस: सरकारी और निजी बसें उपलब्ध हैं।
  • टैक्सी: निजी टैक्सी किराए पर ली जा सकती है।

12. हरिद्वार से सोनप्रयाग जाने के लिए बस से जाएं या फिर पर्सनल टैक्सी लेकर जाएं?

हरिद्वार से सोनप्रयाग बस (Haridwar to Sonpariyag by bus) से जाएं या कार/ टैक्सी से , यदि आप अकेले हैं तो बस से जाना आपके लिए सबसे बढ़िया साधन है लेकिन अगर आप तीन या चार या उससे ज्यादा लोग हैं तो आप टैक्सी या ज्यादा लोग तो बड़ी गाड़ी करें ताकि रास्ते में पड़ने वाले संगम, धारी देवी मंदिर या अन्य कोई जगह पर आप रूकना चाहे तो और रुक सकते हैं|

हरिद्वार से सोनप्रयाग के लिए आपको चार व्यक्तियों के लिए टैक्सी ज्यादा से ज्यादा ₹5000 में मिल जाएगी| टैक्सी करते समय इस बात का ध्यान रखें की टैक्सी वाले से बात करें कि वह आपको हरिद्वार से ले जाएंगे और सोनप्रयाग में छोड़ देंगे|

उसके पश्चात अगर आपको बद्रीनाथ के भी दर्शन करनी है तो केदारनाथ के दर्शन करने के पश्चात सोनप्रयाग में आपको बहुत सारे टैक्सी वाले मिल जाएंगे जो आपको बद्रीनाथ ले जाएंगे |

कभी भी दो धाम की यात्रा की फुल बुकिंग न करें क्योंकि टैक्सी वाला आपको प्रीति दिन के हिसाब से किराया लेता है,जो आपको महंगा को सकता है या तो फिर आप बद्रीनाथ केदारनाथ दोनों धामों का आना और जाना किराया तय कर ले |

  • बस: सस्ता विकल्प, थोड़ा धीमा
  • टैक्सी: सुविधाजनक, महंगा

13. केदारनाथ में जाते समय क्या-क्या मेडिसिन लेकर जाएं?

केदारनाथ जाते समय अपने साथ क्या-क्या दवाइयां लेकर जाए कि हम आपको बता दें कि अगर आप पूर्व से समझते हैं तो भी आपको अपने साथ में नीचे बताएंगे कुछ दवाइयां उसके साथ में लेकर जानी चाहिए और अगर आप बीमार हैं तो वह दवाइयां तो आपके साथ में लेकर जानी चाहिए अपने साथ जो आपका ट्रीटमेंट चल रहा है उसे कागज की कॉपी भी साथ लेकर चले|

  • लेग स्प्रे: पैदल यात्रा के दौरान पैरों में सूजन और दर्द से बचाव के लिए।
  • नोजल स्प्रे: सर्दी, जुकाम और एलर्जी से बचाव के लिए।
  • बुखार की दवाई: बुखार होने पर तापमान कम करने के लिए।
  • पेन किलर: सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और अन्य दर्द से राहत के लिए।
  • नींद आने की गोली: अनिद्रा या थकान के कारण नींद न आने पर।
  • माइग्रेन की गोली: माइग्रेन के सिरदर्द से राहत के लिए।
  • कपूर: ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी से होने वाली सांस लेने में तकलीफ से राहत के लिए।
  • ऊनी कपड़े :- केदारनाथ में मौसम कब चेंज हो जाए यह कहना मुश्किल है इसलिए हमेशा अपने साथ कुछ ना कुछ गर्म कपड़े अपने साथ रखें
  • टोपी :- अगर आप मैं जून के मौसम में भी जा रहे हो तो भी अपने साथ एक गर्म टोपी या मफलर हमेशा रखना चाहिए
  • रेनकोट: केदारनाथ में किसी भी मौसम में कभी बारिश हो सकती है इसीलिए अगर आप बारिश के मौसम में जा रहे हैं तो एक अच्छी क्वालिटी का रेनकोट और जूते हमेशा साथ रखना चाहिए
  • चार्जर:– केदारनाथ 3000 से भी टिकट की ऊंचाई उपस्थित है इसलिए आपको हमेशा अपने साथ एक एक्स्ट्रा पावर बैंक जरूर रखना चाहिए|
  • सामान्य दवाएं: सिरदर्द, बुखार, एलर्जी, पेट दर्द
  • ऊंचाई वाली बीमारी: Diamox, Acetazolamide

14. केदारनाथ क्यों जाएं?

मुझे केदारनाथ क्यों जाना चाहिए, यदि आप अपनी भाग दौड़ भरी जिंदगी से कुछ पल सुकून के चाहते हैं, यदि आप चाहते हैं कि जीवन में कुछ नया करें और आप पूर्ण से स्वस्थ हैं और अपने शारीरिक क्षमताओं को परखना चाहते हैं तो एक बारी आवश्यक केदारनाथ की यात्रा करे |

लोगों के अनुभव, उनके जीवन परिवर्तन से एक बात जरूर पता चलती है की इतनी ऊंचाई पर जाने के बाद, केदार के दर्शन करने के बाद उनके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आया | बहुत सारी यात्री आप को मिलेंगे जो एक बार केदारनाथ यात्रा करने के बाद बार-बार इस यात्रा पर जाते हैं |

इस यात्रा पर जाने के बाद आपको अपने जीवन का एक अलग ही अनुभव मिलेगा और हो सके तो बाबा के दर्शन करने के बाद यह मन में मन्नत मागनी है की बाबा मेरे जीवन में जो कोई बुराई है, बुरी आदत हैं वह छूट कर एक अच्छा और शांत सुकून वाला जीवन मुझे मिले |

Kedarnath track view gaurikund to kedarnath
  • धार्मिक महत्व: भगवान शिव का पवित्र मंदिर
  • प्राकृतिक सुंदरता: हिमालय के शानदार दृश्य
  • आत्मिक अनुभव:

15. केदारनाथ से बद्रीनाथ कैसे जाएं?

दोस्तों हम यहां संक्षेप में बताएंगे कि आप केदारनाथ से बद्रीनाथ कैसे जाये | आप केदारनाथ के दर्शन के पश्चात वापसी आएंगे तो आपको रात्रि को सोनप्रयाग में आराम करे ओर अगले दिन सुबह-सुबह तीन- चार बजे उठे हैं और बद्रीनाथ के लिए बस सोनप्रयाग मिल जायगी |

सोनप्रयाग से बद्रीनाथ के लिए बहुत सारी बसें और टैक्सी सर्विसेज उपलब्ध है जिनका किराया लगभग ₹500 है और यह लगभग 8 से 12 घंटे में आपको बद्रीनाथ धाम पहुंचा देगी ,रात्रि में बद्रीनाथ धाम में आराम कर अब अगले दिन बद्रीनाथ बाबा के दर्शन कर सकते हैं|

  • सड़क मार्ग: सोनप्रयाग से गुप्तकाशी होते हुए बद्रीनाथ तक पहुंचा जा सकता है।
  • हेलीकॉप्टर: केदारनाथ से बद्रीनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं।

16. केदारनाथ जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

केदारनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन के दो तरीके हैं जिनसे आप केदारनाथ जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं:

1. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन:

  • आधिकारिक वेबसाइट: https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर जाएं, यह मोबाइल aap डाउनलोड करे |
  • रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें: अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड नंबर, और यात्रा की तारीख जैसी जानकारी दर्ज करें।
  • रजिस्ट्रेशन की पुष्टि: आपको अपनी ईमेल पर रजिस्ट्रेशन की पुष्टि प्राप्त होगी।
  • व्हाट्सएप से रजिस्ट्रेशन:- आप व्हाट्सएप के माध्यम से भी आसानी से केदारनाथ और बद्रीनाथ नाम के लिए आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं |

2. ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन:

  • पर्यटन विभाग के कार्यालय: आप उत्तराखंड के किसी भी पर्यटन विभाग के कार्यालय में जाकर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। यह रजिस्ट्रेशन यात्रा शुरू होने से एक माह पहले ही शुरू होता इस , इस साल अप्रैल में चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन शुरू होगा|
  • रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें: रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
  • रजिस्ट्रेशन की पुष्टि: आपको रजिस्ट्रेशन की पुष्टि की रसीद प्राप्त होगी।

केदारनाथ जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करते समय आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

  • कोई भी पहचान पत्र
  • केदारनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
  • आप यात्रा की तारीख से 45 दिन पहले तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
  • रजिस्ट्रेशन करते समय अपनी यात्रा की तारीख और समय का चुनाव करें।
  • यात्रा के दौरान अपने रजिस्ट्रेशन की पुष्टि और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपने साथ रखें।

  • ऑनलाइन पंजीकरण: उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण करें।
  • ऑफलाइन पंजीकरण: हरिद्वार या ऋषिकेश या गौरीकुंड में स्थित पंजीकरण केंद्रों पर जाकर पंजीकरण करें।

17. केदारनाथ में मुझे एक दिन रुकना चाहिए या उसी दिन दर्शन करके वापसी आ जाना चाहिए?

यदि आप तीन-चार दिन की कठिन परिश्रम के पश्चात केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं और अगले दिन बड़ी मुश्किल से आपको बाबा केदार के दर्शन हो गए हैं तो आपको क्या करना चाहिए आपको उसी दिन केदार धाम में रूककर कर आसपास की जगह में घूमना चाहिए या दर्शन के पश्चात सीधा वापस आ जाना चाहिए |

तो हमारा मानना है कि यदि आप पहली बार बाबा केदार के दर्शन के लिए जा रहे हैं और आपका बजट भी है तो एक दिन रूककर केदारनाथ के आसपास की जगह जैसे बासुकी ताल, शंकराचार्य समाधि, और कुछ अन्य आश्रमों मैं भी घूम सकते हैं|

इसके अलावा अगर आप बरसात के समय जा रहे हैं तो आपके पास ज्यादा ऑप्शन नहीं होंगे और आप के बाबा केदार के दर्शन के पश्चात उसी दिन वापसी आ सकते हैं इसके अलावा यदि आप पहले भी जा चुके हैं तो भी आप यात्रा के दर्शन करके उसी दिन वापस आ सकते हैं|

18. क्या मैं बच्चों को अपने साथ केदारनाथ यात्रा पर ले जा सकता हूं?

जैसे कि हमने अब तक ऊपर बताया है केदारनाथ यात्रा 18 किलोमीटर के खड़ी चढ़ाई वाली यात्रा है इसलिए अगर आपके बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं तो हमारा मन है कि उनको अभी किसी यात्रा पर अपने साथ ना ले जाए खासकर छोटे बच्चे और बरसात के समय|

निष्कर्ष:-

ऊपर बताए गए 18-Tips केदारनाथ यात्रा के दौरान जिन बातों को आपको ध्यान रखना है उम्मीद है कि पर बताएगी सभी 18 टिप्स में हर एक टिप्स आपको इस यात्रा के मार्गदर्शन में कुछ ना कुछ मदद अवश्य करेगी|


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